Home Remedies for Heart Burn: सीने में जलन को आम भाषा में हार्ट बर्न भी कहते हैं। आज के व्यस्त और लापरवाह जीवनशैली में कई लोग इस समस्या से जूझते हैं। समय पर नहीं खाने, ज्यादा खा लाने से और कई बार मसालेदार भोजन करने के बाद लोगों में सीने में जलन की परेशानी उत्पन्न होती है। अगर कभी-कभी आपको हार्टबर्न की समस्या हो रही है तो ये स्वास्थ्य की दृष्टि से उतना खतरनाक नहीं है लेकिन बार-बार इससे पीड़ित होने पर अलर्ट हो जाएं। कई बार लोग एसिडिटी और सीने में जलन को एक समझने लगते हैं जबकि हार्ट बर्न एसिडिटी का केवल एक लक्षण है। आइए जानते हैं क्या है सीने में जलन और कैसे करें इससे बचाव-
क्या है एसिडिटी और हार्टबर्न में अंतर: एसिडिटी होने पर पेट में मौजूद एसिड खाने को एक दबाव के जरिए वापस गले में भेजने की कोशिश करता है। इससे पेट में जा चुका भोजन वापस इसोफेगस यानि कि खाने की नली में आ जाता है। इससे गला और मुंह में एक कड़वा स्वाद महसूस होता है और सीने में जलन होती है। हार्टबर्न एसिडिटी का ही एक लक्षण है जिसमें छाती में दर्द, जलन और बेचैनी महसूस होती है। इसके अलावा, गले के निचले हिस्से में खट्टा स्वाद महसूस होना भी इसका एक लक्षण है।
सीने में जलन और कैंसर: ‘बीबीसी’ की एक रिपोर्ट की मानें तो पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक अगर आपको तीन हफ्ते से ज़्यादा सीने में जलन या भोजन निगलने में परेशानी हो तो आपको डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। उनके अनुसार, ये पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। कई लोग इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नहीं जानते जिस वजह से उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता है कि सीने में जलन जैसी आम समस्या भी पेट के कैंसर का कारण बन सकती है। इसके अलावा, बहुत डकार आना और पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना या असुविधा महसूस करना भी पेट के कैंसर की ओर संकेत करते हैं।
हार्ट बर्न से बचाव के घरेलू उपाय: ‘माय उपचार’ में छपी खबर के अनुसार, इससे बचने के लिए समय पर और संतुलित भोजन करना जरूरी है। इसके अलावा, सीने में जलन से बचने के लिए अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। अदरक में सूजन व जलन विरोधी गुण होते हैं, इसलिए यह सीने में जलन व अन्य पेट संबंधी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। अदरक को कद्दूकस करके या टुकड़ों में काटकर भोजन में अथवा चाय में मिलाकर पी सकते हैं। वहीं, मुलैठी में कई आयुर्वेदिक तत्व होते हैं जो सीने की जलन से तुरंत आराम देती है। इसकी जड़ों को पीस कर इसका चूर्ण बनाएं और नियमित सेवन करें। सुबह उठकर तुलसी के कुछ पत्तों को चबाने से भी पेट ठंडा रहता है जिससे गैस या जलन की शिकायत नहीं होती है।
