Betel Leaves Benefits for men and women: प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक पद्धति का अपना ही महत्व रहा है। इसी पद्धति की मदद से बड़े से बड़े रोगों का इलाज किया जाता था। धीरे-धीरे जैसे-जैसे साइंस का विकास होता गया लोग आयुर्वेद से दूर होते गए। लेकिन आप जानते हैं कि आयुर्वेदिक तरीके अगर अपनाएं जाए तो आसानी से बिना दवा के भी सेहत को दुरुस्त किया जा सकता है। खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से लोगों को लोगों को सुबह उठते ही दवा को फांकना पड़ता है।

खराब डाइट की वजह से लोगों को सबसे ज्यादा पाचन से जुड़ी परेशानियां तंग करती हैं। जाने अनजाने में ही लोग गैस, एसिडिटी और अपच जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी खराब पाचन से दुखी है तो कुछ आयुर्वेदिक तरीके अपना लीजिए।

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया है कि अगर खाने के बाद पान का पत्ता चबा लिया जाए तो पाचन को आसानी से दुरुस्त किया जा सकता है। प्राचीन काल में लोग पाचन को ठीक करने के लिए देसी आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर पत्ते का सहारा लेते थे। सदगुरु ने बताया पान का पत्ता एक औषधि है जिसे कत्था, सुपारी और कई तरह की चीजों को मिलाकर खाया जाता है। ये पत्ता खाने में स्वादिष्ट लगता है और इसे खाने के बाद पाचन दुरुस्त रहता है।

पान का पत्ता पाचन को कैसे करता है दुरुस्त

खाने के बाद पान के पत्ते का सेवन किया जाए तो पेट में बनने वाली गैस, एसिडिटी और अपच का इलाज किया जा सकता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है और पेट साफ नहीं होता ऐसे लोग खाने के बाद पान के पत्ते में सुपारी मिलाकर खाएं सुबह उठते ही पेट साफ हो जाएगा। इस पत्ते का सेवन करने से आंत में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं। सदियों से पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए देवी को अर्पित किया जाने वाला ये पत्ता दवा के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। इससे गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का खात्मा हो सकता है।

देवी मां को अर्पण किया जाता है ये पत्ता

पान के पत्ते का धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। ये पत्ता देवी मां को चढ़ाया जाता है। देवी को चढ़ाने वाला ये पत्ता आम नहीं बल्कि बहुत खास है। सदगुरु ने बताया देवी को चढ़ा कर इस पत्ते को खा लिया करें देवी का आशीर्वाद मिलेगा। मुस्लिम धर्म में भी इस पत्ते की खासी अहमियत है। खुशी और गम दोनों मौके पर इस पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। हराभरा और हरियाली का प्रतीक ये पत्ता धार्मिक आस्था और औषधीय गुणों का अद्भुत संगम है। ये पत्ता समृद्ध सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है।

पान में सांप का जहर कम करने की भी है ताकत

सदगुरु ने बताया इस पत्ते में सांप का ज़हर भी बेअसर करने की ताकत है। सतगुरु ने बताया ये पत्ता अम्ल नाशक है यानि ये शरीर से ज़हर को काट सकता है। सांप के काटने के बाद बॉडी में जो जहर बनता है ये पत्ता उसे भी निकाल सकता है। हालांकि मेडिकल साइंस में अभी इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है लेकिन आयुर्वेद में इसे अम्ल नाशक माना जाता है। ये पत्ता पेट में बनने वाले अम्ल को कम करता है।  

पान के पत्ते के साइंटिफिक गुण

साइंस भी इस पत्ते को कारगर मानती है। NCBI की रिसर्च के मुताबिक इस पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं जो बॉडी को कई तरह के इंफेक्शन से बचाते हैं और सेहतमंद रखते हैं। इस पत्ते में ऐसे गुण मौजूद हैं जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं। खाने के बाद इस पत्ते को चबा लेने से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं का उपचार होता है। ये पत्ता पाचन क्रिया को बेहतर करता है। इस पत्ते को खाने से ब्लोटिंग कंट्रोल रहती है। इसमें सूजन रोधी गुण भी मौजूद है जो हड्डियों के दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाते हैं। मेडिकल साइंस के मुताबिक पान के पत्तों का रस स्किन की सूजन, जलन और संक्रमण को ठीक करता है। 

ज्यादा अनाज का सेवन करने से पेट में बनती है गैस,एसिडिटी और अपच की शिकायत। अगर आप भी पाचन से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो आप कुछ फलों का रोजाना सेवन करें। इन फलों की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।