Kidney Failure: Causes, Symptoms & Treatment: आपको जानकर हैरानी होगी कि किडनी फेल होना दुनिया में मौत का 17वां और भारत में मौत का 8वां सबसे बड़ा कारण है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 2 लाख से ज्यादा लोग किडनी फेल होने के शिकार होते हैं। केवल 5 हजार लोग ही ट्रांसप्लांट करवाते हैं। WHO के मुताबिक, भारत में ऑर्गन डोनेशन के बारे में जानकारी का अभाव और कम डोनर होने की वजह से किडनी, ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रही है। देश में हर साल किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं। मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर इस रोग के प्रमुख कारण हैं।
किडनी फेल्योर क्या है?
किडनी फेल होने का मतलब है कि किडनी के काम करने की दर 15% से भी कम हो गई है। किडनी खराब होने के कुछ दिन पहले शरीर कुछ संकेत देना शुरू कर देता है। हमें इनसे बचना नहीं चाहिए। फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के एडिशनल डायरेक्टर व हेड नेफ्रोलॉजी व किडनी ट्रांसप्लांट विभाग की डॉ. अनुजा पोरवाल ने Jansatta.com को बताया, “कई चेतावनी संकेत हैं जो किडनी की बीमारी का संकेत देते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में उनका पता नहीं लगाया जा सकता है। ऐसे संकेतों को या तो अनदेखा किया जाता है या कुछ और माना जाता है।” आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में-
किडनी फंक्शन में खराबी होने दिखते हैं ये 16 संकेत
- एनीमिया
- उलझन
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- इन्टर्नल ब्लीडिंग
- हाई ब्लड प्रेशर
- भूख कम होना
- बार-बार पेशाब जाना
- कमज़ोरी या जल्दी थकना
- हाथ, पैर और चेहरे की सूजन
- सुबह उल्टी होना या उबकाई आना
- बिना किसी कारण के वजन कम होना
- आपके मुंह में धातु का स्वाद
- सांस लेने में कठिनाई
- सुन्न होना और सिहरन
- मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन
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नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. सुदीप सिंह सचदेव के मुताबिक व्यक्ति को अपने यूरिन डिस्चार्ज पर बहुत सावधानी से नजर रखनी होती है। उदाहरण के लिए रोगी को कम मात्रा में पेशाब हो सकती है या विशेष रूप से रात में अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है।
इसका एक संकेत हो सकता है कि किडनी की फ़िल्टरिंग यूनिट क्षतिग्रस्त हो गई हैं या क्षतिग्रस्त होने की प्रक्रिया में हैं। कभी-कभी यह कुछ यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)या पुरुषों में बढ़े हुए प्रोस्टेट का संकेत भी हो सकता है। यदि ऐसा कुछ प्रतीत होता है तो तुरंत अपने नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
किडनी को कैसे रखें स्वस्थ
डॉ. सुदीप सिंह के मुताबिक अपने आहार में सोडियम या नमक की मात्रा पर नियंत्रण रखें। इसका मतलब है कि आपको पैकेज्ड/रेस्तरां वाले खाद्य पदार्थों से भी बचना होगा। साथ ही अपने खाने में अतिरिक्त नमक न डालें। अधिक नमक खाने से किडनी पर लोड बढ़ता है। कम नमक न सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियों को रोकता है बल्कि किडनी की बीमारी को भी बढ़ने से रोकता है।
हेल्दी डाइट लेने का प्रयास करें और वजन को नियंत्रण में रखें। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल का नियमित रूप से जांच करवाते रहें। साथ ही मधुमेह के रोगियों में गुर्दे की विफलता बहुत आम है और अगर जल्दी पता चल जाए तो इसे रोका जा सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करते रहें।
इसके अलावा रोजाना नहीं तो हफ्ते में 7 दिन में से कम से कम 5 दिन रोज करीब 45 मिनट तक जॉगिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग, रैकेट गेम जैसे खेल खेलें और इस तरह हल्का-फुल्का व्यायाम करके स्वस्थ स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें। अपनी गतिहीन जीवन शैली (Sedentary lifestyle) को बदलें, कार्यालय के चारों ओर टहलें या दोपहर के भोजन के बाद टहलें या सुबह और शाम व्यायाम करें।