इंटरनेट और स्मार्टफोन्स के दौर ने अश्लील सामग्रियों की उपलब्धता को और सुगम बना दिया है। अब कोई भी जो चाहे इंटरनेट पर सर्च कर हासिल कर सकता है। इंटरनेट इस्तेमाल का एक बड़ा हिस्सा पोर्न भी है जिसके दर्शक वर्ग में अब हर उम्र के लोग शामिल हैं। टीनएजर्स से लेकर बड़ी उम्र तक के लोग पोर्न देखने के आदती हैं। इस मामले में एक पुरानी बहस इस बात की है कि क्या पोर्न देखने से आपकी सेक्शुअल हेल्थ या फिर शारीरिक संबंध बनाने की क्षमता प्रभावित होती है या नहीं? अलग-अलग विशेषज्ञ इस बात पर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ का कहना है कि इससे कामेच्छा यानी कि लिबिडो में बढ़ोत्तरी होती है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे हमारा न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक सेहत भी बुरी प्रभावित होती है। तो आइए, आज हम इस बात की पड़ताल करते हैं कि पोर्न हमारे जीवन में क्या प्रभाव रखता है-

1. कुछ साइकोलॉजिस्ट मानते हैं कि पोर्न देखने से सेक्शुअल एंजॉयमेंट और खुशहाली बढ़ती है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो रिलेशनशिप में होते हैं। पार्टनर्स अगर साथ में पोर्न देखें तो इससे उनकी कामेच्छा और सेक्शुअल क्षमता बढ़ती है।

2. एक अध्ययन में कहा गया है कि बहुत ज्यादा मात्रा में पोर्न देखने से व्यक्ति को खुशी का अनुभव होना बंद हो सकता है और इससे सेक्शुअल रिलेशनशिप में परेशानी भी आ सकती है।

3. एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि ज्यादा मात्रा में पोर्न देखने से पुरुषों के दिमाग के संकुचित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह पुरुषों के दिमाग का वह हिस्सा होता है जो मोटिवेशन और रिवार्ड्स के लिए प्रतिक्रिया देता है।

4. पोर्न का इस्तेमाल उत्तेजना पैदा करने के लिए किया जाता है। ऐसे में अगर बार बार उत्तेजना के लिए पोर्न जैसे साधनों का इस्तेमाल किया जाता है तो शरीर का नेचुरल अराउजल सिस्टम बुरी तरह प्रभावित होता है। इसकी वजह से आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि पोर्न देखे बिना आपको उत्तेजना ही पैदा न हो।

5. पोर्न मूवीज को ज्यादा से ज्यादा भड़काऊ बनाने की कोशिश की जाती है और जिस तरह से उसे प्रस्तुत किया जाता है उसे वास्तविकता में उतारना बहुत मुश्किल होता है। पोर्न देखने वाले लोग अक्सर अपने पार्टनर से वैसी ही अपेक्षाएं रखते हैं जैसा कि वे पोर्न फिल्मों में देखते हैं। इससे रिश्तों में तनाव, स्वभाव में क्रूरता और उग्रता आने की संभावना होती है जो काफी नुकसानदेह है।