Newborn Babycare, Tips for Newborn Babies, How Honey affects Babies Health, Disease Botulism, Symptoms, Cure and Prevention: भारत के कई परिवारों में बच्चे के जन्म पर शहद चटाने का रिवाज है। कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं तो वहीं कई लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि घरेलू तरीकों से बनी शहद नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षित है। मनुष्य शहद का उपयोग 5 हजार साल पहले से कर रहा है। तब से ही शहद का एक बेहतर आयुर्वेदिक दवा के तौर इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, ‘ओनली माय हेल्थ’ में छपी खबर के अनुसार, एक साल से छोटे बच्चे को शहद खिलाना नुकसानदेह हो सकता है। इसकी वजह ये है कि शहद में एक बैक्टीरिया मौजूद होता है जो कि बच्चे के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है।
खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं मौजूद: शहद छोटे बच्चों के लिए हानिकारक इसलिए है क्योंकि इसमें क्लॉसट्रीडियम (Clostridium) नाम का बैक्टीरिया मौजूद होता है। ये बैक्टीरिया अपने आप ही ग्रो करता है और इससे एक प्रकार का जहरीला पदार्थ निकालता है जिसे ‘बोटलिनम’ (Botulinum) के नाम से जाना जाता है। 1 साल से छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम विकसित नहीं होता जिससे वो इस वायरस से लड़ पाने में असक्षम होते हैं। एक बार जब बैक्टीरिया डाइजेस्टिव सिस्टम तक पहुंच जाता है, तो इससे शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है।
कैसे करता है नुकसान: शहद में मौजूद ये हानिकारक बैक्टीरिया बच्चों के पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। इस बैक्टीरिया की वजह से कई बच्चे इंफैंट बॉट्यूलिज्म (Infant Botulism) नाम की बीमारी से भी पीड़ित हो जाते हैं। कई बार स्थिति इतनी खतरनाक हो जाती है कि बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और उनका शरीर भी बेहद कमजोर हो जाता है। मामला अगर ज्यादा गंभीर हो तो इस बीमारी से बच्चों की मौत तक हो जाती है। बच्चों के हर वक्त रोने पर सतर्क हो जाना चाहिए। कई बार इस बीमारी की वजह से छोटे बच्चे दूध पीना बंद कर देते हैं जिससे उनमें कमजोरी आ जाती है।
क्या एक साल के बाद शहद देना सुरक्षित है: छोटे बच्चों के इम्यून सिस्टम को विकसित होने में करीब-करीब एक साल लग जाता है। इससे पहले शिशुओं की रक्षा मां का दूध करता है। मां का दूध बच्चों के शरीर पर रक्षा कवच की तरह काम करता है, साथ ही बच्चों को खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस और कई तरह के संक्रमणों से बचाता है। इसी वजह से डॉक्टर्स मानते हैं कि 6 महीने तक बच्चों को केवल मां का दूध ही देना चाहिए, उसके अलावा कोई भी बाहरी आहार नहीं देना चाहिए। 1 साल के बाद बच्चों का इम्यून सिस्टम विकसित हो जाता है, रिपोर्ट के अनुसार तब आप उन्हें शहद दे सकते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि 3 साल की उम्र से छोटे बच्चों को शहद अधिक मात्रा में नहीं खिलाना चाहिए।
