गर्भावस्था के समय अगर कुछ सावधानियां बरती जाए तो होने वाले बच्चे को कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है। नवजात बच्चे में दो प्रकार के जींस होते हैं जो कि एक मां से और एक पिता से आता है। यही दोनों जींन मिलकर बच्चे को आकार देते हैं। मेडिकल साइंस के कारण ही इंसान को उसके शरीर, सेहत के बारे में तुरंत जानकारी मिल जाती है। मेडिकल साइंस के बदौलत ही इंसान को भविष्य में होने वाली समस्याओं के बारे में पता चल जाता है। इसी तकनीकी को जेनेटिक टेस्टिंग कहा जाता है। कुछ बीमारियां बच्चे में जेनेटिक रूप से आती हैं। जैसे मां-बाप से चेहरा और शरीर को आकार मिलता है उसी तरह बीमारियां भी आ जाती हैं।

जेनेटिक टेस्टिंग के माध्यम से शरीर में मौजूद आनुवांशिक विकारों की स्थिति का पता चलता है और इसके उपचार के लिए समय पर जरूरी कदम उठा सकते हैं। कुछ बीमारियों को हम प्रेगनेंसी के दौरान सतर्कता बरत कर होने वाले बच्चे को बचा सकते हैं। इसीलिए आजकल आने वाली पीढ़ी में आनुवांशिक बीमारियों का खतरा कम हो इसके लिए प्रसव पूर्व परीक्षण, नवजात स्क्रीनिंग, साथ ही आईवीएफ उपचार के दौरान भ्रूण में मौजूद आनुवांशिक स्थितियों का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्टिंग का सहारा लिया जाता है।

क्या है जेनेटिक टेस्टिंग: गर्भावस्था के दौरान पेट में पल रहे बच्चे को जेनेटिक डिसऑर्डर से बचाने के लिए किये जाने वाले टेस्ट को जेनेटिक टेस्टिंग कहते हैं। इस टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि मां-बाप में ऐसा कौन सा जीन है जो बच्चे को जेनेटिक बीमारी दे सकता है। इस टेस्टे के लिए कुछ खास नहीं करना होता है बस जांच के लिए ब्लड देना होता है।

पुरुषों को क्यों करना चाहिए: इस टेस्टिंग के माध्यम से न सिर्फ पुरुषों में हृदय से जुडी गंभीर स्थितियों के बारे में जानकारी पाते हैं बल्कि इसकी सहायता से कई गंभीर स्थितियों का भी पता लगाया जा सकता है। जेनेटिक टेस्टिंग (अनुवांशिक परीक्षण) की मदद से इस बात का पता चलता है कि आपकी जीन में कुछ खास किस्म की असमान्यताओं एवं विकारों से ग्रस्त होने का खतरा कितना अधिक है। इसके अलावा आनुवांशिक परीक्षण के जरिये आपके जीन में होने वाले परिवर्तन (म्यूटेशन) के बारे में पता लगाया जाता है जिससे आपके बच्चों में भविष्य में होने वाली बीमारियों के बारे में पता चलता है।

जेनेटिक टेस्टिंग के फायदे: जेनेटिक टेस्टिंग से पुरुषों में मौजूद कई गंभीर स्थितियों का पता लगाया जा सकता है। पुरुषों में बांझपन या फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी लेने के लिए भी जेनेटिक टेस्टिंग बहुत उपयोगी मानी जाती है। पुरुषों को इन कारणों से जेनेटिक टेस्टिंग जरूर करानी चाहिए। लेकिन हर किसी को जेनेटिक टेस्टिंग की ज़रूरत नहीं होती है। अगर आपके परिवार में जेनेटिक डिसऑर्डर का इतिहास है तभी आप यह जांच करवाएं।