यूरिक एसिड का बढ़ना एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। ये एक वेस्ट प्रोडक्ट है जो हम सभी की बॉडी में बनता है। प्यूरीन से भरपूर फूड्स जैसे रेड मीट, प्रोसेस्ड और फास्ट फूड, शराब और बीयर का सेवन, मीठे ड्रिंक, हाई फ्रुक्टोज फूड, डेयरी प्रोडक्ट, पकी हुई दालें और फलियां,सूखे मेवे और सीड्स, मशरूम और पालक का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। एक हेल्दी इंसान में भी यूरिक एसिड बनता है और किडनी उसे हमारी बॉडी से फ्लश आउट भी कर देती है जिसकी वजह से उसका स्तर मेंटेन रहता है।

दवाओं का ज्यादा सेवन करने से, प्यूरीन डाइट खाने से या फिर किडनी की इन टॉक्सिन को फिल्टर करने की क्षमता कम होने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। जब यूरिक एसिड बॉडी से बाहर नहीं निकलता तो ये जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है और गाउट का कारण बनता है।

यूरिक एसिड हाई होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे जोड़ों में दर्द और सूजन होना, जोड़ों में रेडनेस होना, चलने-फिरने में दिक्कत होना और हर वक्त थकान होना हाई यूरिक एसिड के लक्षण हैं। आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया बार-बार किडनी स्टोन होना हाई यूरिक एसिड के लक्षण हो सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया जिन लोगों का यूरिक एसिड 7 mg/dl से ज्यादा हो जाए उन्हें तुरंत अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। डाइट में प्यूरीन से भरपूर फूड से परहेज करें, स्मोकिंग कंट्रोल करें और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।

यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए आप अनाज में बदलाव करें। गेहूं की रोटी की जगह ज्वार और बाजरे की रोटी का सेवन करें आपका यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा। ये दोनों मैजिकल अनाज यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करेंगे और बॉडी को हेल्दी भी रखेंगे। आइए जानते हैं कि ज्वार और बाजरा कैसे यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मैजिकल पिल्स का काम करते हैं।

ज्वार और बाजरा कैसे यूरिक एसिड कंट्रोल करता है?

ज्वार और बाजरा दो ऐसे अनाज हैं जिनका सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल रहता है। ये दोनों फूड लो-प्यूरीन फूड्स हैं जिनका सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने का खतरा नहीं होता। इन दोनों अनाज में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है और यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करती है। फाइबर रिच फूड यूरिक एसिड को यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस अनाज में प्लांट बेस्ड प्रोटीन मौजूद होता है जो मीट की तुलना में कम है।

यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने में ये अनाज बेहद असरदार साबित होता है। ग्लूटेन-फ्री और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ज्वार और बाजरा जोड़ों के दर्द और सूजन को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से गाउट का खतरा टल जाता है। बाजरे में मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे खनिज पाए जाते हैं जो किडनी की हेल्थ के लिए जरूरी है। ज्वार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल से बचाव करते हैं और यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं।

ज्वार और बाजरे की रोटी का कैसे करें सेवन

दिन भर में आप एक बार ज्वार की रोटी खाएं और एक बार बाजरे की रोटी खाएं। बाजरा एक ऐसा अनाज है जिसकी तासीर गर्म होती है। ज्वार की तासीर नॉर्मल होती है। अगर आप दोनों अनाज का सेवन बारी-बारी करेंगे तो बॉडी में बैलेंस बना रहेगा और बॉडी गर्म रहेगी।

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