New Health Research, Asthma, Asthma in Children, Asthma Symptoms, Cure and Precautions: छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों की तुलना में बेहद कमजोर होती है इसलिए उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। कोई भी बीमारी सबसे पहले बच्चों को ही अपना शिकार बनाती है, ऐसे में परिवार वाले हर संभव कोशिश करते हैं कि बच्चों को धूल-मिट्टी से दूर रख सकें। इसलिए बार-बार उनके आसपास साफ-सफाई करते रहते हैं, साथ ही घर के हर कोने को भी साफ-सुथरा रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते। हालांकि, अधिक सफाई भी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक नए शोध के अनुसार, सफाई में इस्तेमाल होने वाले प्रॉडक्ट्स के संपर्क में आने से बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ता है।
प्रॉडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स हैं खतरनाक: ‘दी इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक खबर के अनुसार, घर की साफ-सफाई में उपयोग होने वाले उत्पादों में मौजूद केमिकल्स और बच्चों में बढ़ रहे अस्थमा के मामलों में कोई गहरा संबंध पाया गया है। शोधकर्ताओं ने 2 हजार ऐसे बच्चों पर शोध किया जो अधिकतम तीन से चार महीने के थे। इन बच्चों के माता-पिता को अस्थमा की परेशानी नहीं थी फिर भी तीन साल की उम्र तक ये अस्थमा के शिकार हो गए। इस शोध के मुख्य लेखक के अनुसार, ये बच्चे अपना 80 से 90 प्रतिशत समय घर के भीतर ही बिताते थे।
बर्तन और कपड़े धोने वाले साबुन से भी है खतरा: फ्लोर क्लीनर्स के साथ ही डिशवाश साबुन और लॉन्ड्री साबुन का इस्तेमाल भी खतरनाक हो सकता है। रिसर्चर्स के मुताबिक, खुशबूदार और स्प्रे करने वाले कलीनिंग उत्पादों से सांस संबंधी परेशानी होने की संभावना बहुत अधिक होती है। उनके अनुसार, इन उत्पादों में मौजूद केमिकल्स सांस की नली में सूजन पैदा कर उन्हें डैमेज कर देते हैं। बच्चों में रेस्पिरेशन रेट अधिक होती है, ऐसे में बार-बार इन उत्पादों के संपर्क में आने से इनमें मौजूद केमिकल्स फेफड़ों और स्किन के माध्यम से बच्चों के शरीर में घुस जाते हैं।
ऐसे करें अस्थमा से बचाव: ‘मॉम जंक्शन’ में छपी खबर के अनुसार, बच्चों को धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रखें। इसके अलावा, उनके खिलौनों को भी अलग रखें जिससे उन पर धूल न इकट्ठा हो। वहीं, सरसो के तेल को कपूर के साथ मिलाकर छाती पर लगाने से भी अस्थमा से राहत मिलती है। हल्दी कई बीमारियों के उपचार में सहायक है, इस खबर के अनुसार हल्दी वाला दूध के सेवन से भी आप अस्थमा के चपेट में आने से बच सकते हैं। इसके अलावा, बच्चों के कमरे में पालतू जानवरों को ज्यादा न जाने दें। अस्थमा का एक कारण पॉल्यूशन भी होता है, इसलिए जरूरी है कि बच्चों को धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से बचाएं।
