हमारी आंत (Intestine) वो जगह है जहां हर दिन हमारा सारा खाना पचता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन जब हमारी डाइट में फाइबर, पानी और पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है, तो खाना पूरी तरह से नहीं पच पाता। नतीजतन कब्ज (Constipation) की समस्या शुरू हो जाती है। कब्ज सिर्फ पेट में भारीपन या गैस तक सीमित नहीं रहती बल्कि ये धीरे-धीरे आंतों में टॉक्सिन्स भी जमा करने लगती है। यही टॉक्सिन्स पेट फूलना, मुंह की बदबू, भूख न लगना, स्किन पर दाने, थकान और इम्यूनिटी में कमी जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, समय-समय पर आंतों का नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन करना बेहद ज़रूरी है। कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स और लीव्स ऐसे हैं जिनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन को दुरुस्त करते हैं। तुलसी के पत्ते तो औषधीय गुणों से भरपूर होते ही है लेकिन कुछ और पत्ते भी ऐसे हैं जो कब्ज को दूर कर आंतों को साफ और सक्रिय रखते हैं। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज़ और सुबह खाली पेट इन पत्तों का सेवन करने से पेट हल्का रहता है, पाचन सुधरता है और शरीर अंदर से डिटॉक्स होता है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिमल झांजर भी पेट की समस्याओं का इलाज करने में कुछ देसी हर्ब्स पर भरोसा रखते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कब्ज को दूर करने के लिए और आंतों की सेहत को दुरुस्त करने के लिए सेना लीव्स, नीम लीव्स, करी पत्ता और पुदीने के पत्तों का सेवन करें। ये पत्ते आंतों को साफ करते हैं पेट में जमा गंदे मल को आंतों से बाहर निकालते हैं, पेट और आंतों की सफाई करते हैं। आइए जानते हैं कि ये पत्ते कैसे असरदार साबित होते हैं।
सेना लीव्स (Senna Leaves) का करें सेवन
सेना का पत्ता एक प्राकृतिक हर्बल लैक्सेटिव (Herbal Laxative) है। यह इंटेस्टाइनल मूवमेंट को स्टिमुलेट करता है और कब्ज को दूर करता है। 1–2 ग्राम सूखे सेना पत्ते को पानी में उबालें, छानकर रात में सोने से पहले पिएं। इन पत्तों का पानी पीने से 5–6 घंटे में असर दिखेगा और सुबह पेट पूरी तरह साफ हो जाएगा। गर्भवती महिलाएं, पेट में दर्द या आंतों में रुकावट वाले लोग इसका सेवन न करें।
- नीम के पत्ते (Neem Leaves) खाएं
 
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो गट और स्किन दोनों को फायदा देती हैं। यह पैरासाइट्स और बैक्टीरिया को खत्म करता है और अल्सर, मुंह के छाले और मुंह की बदबू में भी असरदार है। नीम के पत्तों का सेवन सुबह खाली पेट करें तो फायदा होगा। 5–7 पत्ते पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाकर पीएं आपको फायदा होगा। इन पत्तों का स्वाद कड़वा होता है, इसलिए शुरुआत में कम मात्रा में इसका सेवन करें। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें।
करी पत्ता (Curry Leaves) का करें सेवन
करी पत्ता सिर्फ किचन का मसाला नहीं बल्कि एक शक्तिशाली डिटॉक्स हर्ब है। यह लीवर फंक्शन को मजबूत करता है, डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय करता और माइल्ड कॉन्स्टिपेशन को दूर करता है। 5–8 करी पत्ते सुबह खाली पेट चबाएं। एक कप पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर पिएं आपको पेट की गैस, एसिडिटी और मेटाबॉलिज्म सुधारने में मदद मिलेगी।
पुदीना के पत्तों (Mint Leaves) को खाएं
पुदीना अपने कूलिंग और डाइजेस्टिव गुणों के लिए जाना जाता है। यह गैस, एसिडिटी, पेट दर्द, डकार और हार्टबर्न में राहत देता है। 7 से 10 ताजे पुदीने के पत्ते पानी में उबालें और छानकर पिएं। आप पुदीने के पत्तों को पीसकर उनका पेस्ट बना लें और 1–2 चम्मच पानी के साथ उसका सेवन करें। पुदीना आंतों की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और पाचन को स्मूथ बनाता है।
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