शरीर में यूरिक एसिड का बनना एक सामान्य बात है। लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा अधिक बढ़ने लगती है तो इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बता दें कि यूरिक एसिड तब बनता है जब बॉडी में प्यूरीन नामक केमिकल टूटने लगता है। दरअसल किडनी प्यूरीन को फिल्टर करके बॉडी से बाहर निकालने में मदद करती हैं।
लेकिन जब प्यूरीन की मात्रा बढ़ जाती है तो उस समय किडनी इस केमिकल को बाहर नहीं निकाल पाती है और बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड बढ़ने से वो क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगता है।
ब्लड में इस टॉक्सिन के बढ़ने से हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द, किडनी की परेशानी और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि अगर रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ने लगती है। आइए जानते हैं किस प्रकार हाई यूरिक एसिड से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है और कैसे इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
हाई यूरिक एसिड व हार्ट अटैक:
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जब ह्रदय की ब्लड वेसल्स ब्लाक हो जाती है और दिल को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से रोकना होगा व अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की भी जरूरत होगी।
हाई यूरिक एसिड के कारण: (Reasons for high uric acid )
- लगातार वजन बढ़ने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है
- शराब का अधिक सेवन करने से।
- अधिक मात्रा में रेड मीट व सी फूड का सेवन करने से।
- लगातार थायराइड बढ़ने से।
- जेनेटिक समस्याओं के कारण भी बढ़ सकता है यूरिक एसिड
ऐसे कर सकते हैं हाई यूरिक एसिड कंट्रोल: (Ways to reduce high uric acid)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जो लोग हाई यूरिक एसिड की समस्या से ग्रस्त होते हैं उन्हें अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। बता दें कि यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मरीजों को कम प्यूरीन वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।
इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को इंसुलिन की मात्रा का भी ध्यान रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन की मात्रा बढ़ने के कारण यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
