कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रोटीन और डाइट्री फाइबर्स को अपने आहार में शामिल करने से वजन घटाने में आसानी होती है, लेकिन इस चक्कर में लोग शरीर में प्रोटीन की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ा देते हैं। हाल में हुए एक रिसर्च में ये खुलासा हुआ कि हाई प्रोटीन खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ता है।
आर्ट्रियल प्लैक को है बढाता: मेडिकल न्यूज टुडे में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चूहों पर किए गए इस रिसर्च से ये साबित हुआ है कि हाई डाइट्री प्रोटीन से कार्डियोवास्कुलर प्रॉब्लम्स हो सकते हैं। सेंट लूईस के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. बबाक रजानी और उनकी टीम ने इस रिसर्च के निष्कर्ष के अनुसार उन लोगों ने कुछ चूहों को हाई फैट के साथ हाई प्रोटीन डाईट पर रखा, वहीं कुछ को लो प्रोटीन डाईट पर। जो चूहे हाई प्रोटीन डाईट पर रखे गए थे उनमें अन्य की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आर्ट्रियल प्लैक पाया गया।
कैसे बढ़ता है आर्ट्रियल प्लैक: आर्ट्रियल प्लैक से लड़ने के लिए शरीर में मैक्रोफेज नामक डब्लूबीसी मौजूद रहते हैं। ये मैक्रोफेज आर्ट्रीज से प्लैक को निकालने का काम करती है। पर हाई प्रोटीन में पाया जाने वाला एक विशेष अमीनो एसिड मैक्रोफेज के असामान्य ग्रोथ के लिए जिम्मेदार होता है। इस असमान्य ग्रोथ से मैक्रोफेजेज की आयु बहुत कम हो जाती है।
बहुत सारे डेड सेल्स के प्लैक में इकट्ठा हो जाने पर वो अनस्टेबल हो जाते हैं और टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं। ऐसी स्थिति में जब प्लैक के माध्यम से ब्लड फ्लो होता है तो बढ़ते स्ट्रेस से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
कितना प्रोटीन है सेहत के लिए जरूरी: शरीर को ताकतवर बनाने के लिए सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन जरूरी है। प्रोटीन्स न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह भी काम करता है। लोगों को एक दिन में औसतन कितना प्रोटीन खाना चाहिए, यह अब भी चर्चा का विषय है। हालांकि, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की सलाह के अनुसार एक इंसान को रोजान 50 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए। शरीर में प्रोटीन के इनटेक को कई चीजें प्रभावित करती हैं, जिनमें से लोगों को जेंडर, उनकी उम्र, उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी स्थिति अहम है। सोया, पीनट बटर, दूध, अंडा, मछली प्रोटीन के बेहतर स्रोत माने जाते हैं।

