गर्मी का मौसम लोगों को बेहद परेशान करता है। इस मौसम में गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों पर कहर की तरह बरसते हैं। तेज गर्मी और ह्यूमिडिटी कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ा देती है। unicef के मुताबिक गर्म मौसम का सबसे ज्यादा असर शिशुओं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ता है। अगर गर्मी से बचाव नहीं किया जाए तो इस मौसम में  हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगता है। अत्यधिक गर्मी में शरीर का तापमान बढ़ने लगता है, शरीर में पानी की कमी, सिरदर्द, चक्कर आना, बेहोशी और स्किन का गर्म और सूखने जैसी परेशानियां होने लगती हैं। लंबे समय तक गर्मी में रहने से या फिर अत्यधिक शारीरिक श्रम करने से परेशानियां बढ़ने लगती है।

ज्यादा गर्मी में रहने से बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे थकावट ज्यादा होना, मांसपेशियों में ऐंठन, पसीना ज्यादा आना, उल्टी, चक्कर आना और कमजोरी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इस मौसम में पसीना ज्यादा आता है, प्यास ज्यादा लगती है,पानी की कमी से मूत्र का रंग गहरा होने लगता है।

एमडी पीडियाट्रिशन डॉ आशीष खुराना ने बताया गर्मी में पानी की कमी होने लगती है जिससे हमारी मसल्स प्रभावित होती है। बॉडी में गर्मी की वजह से एंजाइम की एक्टिविटी बढ़ने लगती है, जिससे मसल्स में मौजूद ग्लाइकोजन बर्न होने लगता है। मसल्स में शुगर के घटने से, ज्यादा पसीना आने से बॉडी में डिहाइड्रेशन बढ़ने लगती है। ये परेशानी सभी उम्र के लोगों को हो सकती है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी ज्यादा कमजोर होती है जो बॉडी में कई परेशानियां पैदा कर सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हीटवेव से बचाव के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतें।

6 महीने से लेकर 8 साल के बच्चों तक का इस तरह रखें ख्याल

एक्सपर्ट ने बताया छह महीनों से लेकर 8 साल के बच्चों तक का गर्मी में खास ध्यान रखें। इस उम्र के बच्चों को दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। 7-8 साल के बच्चे की बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए एक से डेढ़ लीटर पानी जरूर पिलाएं। इस उम्र के बच्चे को नींबू पानी और शिकंजी पिलाएं।

9 साल से 18 साल के बच्चों का इस तरह रखें ध्यान

एक्सपर्ट के मुताबिक 9 साल से 18 साल के बच्चों को आप दिन भर में दो से ढाई लीटर पानी पिलाएं। बच्चों की बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी,नीबू पानी और दोपहर में छाछ पिलाएं।

बुजुर्गों का इस तरह रखें ख्याल

बुजुर्गों का गर्मी से बचाव करना चाहते हैं तो उन्हें घर में रखें। उन्हें दिन के 12 बजे से शाम के 5 बजे तक घर में रखें। इस दौरान धूप ज्यादा होती है और गर्म हवाएं भी पीक पर होती है। ऐसे में बॉडी का बचाव करने के लिए आप बुजुर्गों को बेल का शरबत, नींबू पानी और शिकंजी पिलाएं। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दें। बुजुर्गों को पूरा दिन 3 से साढ़े तीन लीटर पानी पिलाएं।  बॉडी को ठंडा रखें। जब भी शरीर अत्यधिक गर्म महसूस करे तो ठंडे पानी से नहाएं। बुजुर्गों को हवादार जगह पर या फिर एयर कंडीशनर रूम में रखें, खासतौर पर दोपहर के समय।

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