डायबिटीज में खाने-पीने का ध्यान रखना दवा लेने के बराबर है और अपने खाने-पीने की आदतों पर कंट्रोल करके डायबिटीज पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए अपने खाने में आप कुछ ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिससे कि शरीर में ग्लूकोज लेवल सही स्तर पर रहे। कम शुगर वाली चीजें आदि के बारे में तो आपको पता होगा कि यह डायबिटीज होने पर नहीं खानी चाहिए, लेकिन एक ऐसी चीज भी है जिसके सेवन से डायबिटीज में आराम मिलता है। यह चीज है तेज पत्ता जो कि डायबिटीज के साथ साथ कई रोगों के लिए फायदेमंद है।
क्लिनिकल बायो केमेस्ट्री एंड न्यूट्रीशन जर्नल में प्रकाशिक एक अध्ययन के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों की ओर से 30 दिन तक तेज पत्ता लेने से इंसुलिन बेहतर तरीके से काम करने लगता है। तेज पत्ते का हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव एसेंशियल ऑयल और फाइटोकेमिकल्स की मौजूदगी को बनाए रखता है जिससे कि ग्लूकोज और इंसूलिन मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। साथ ही, इन पत्तों के सक्रिय तत्व पोलिफेनोल होता है जो इंसुलिन की शक्ति प्रदान करने वाली गतिविधियों पर जोर लगाता है, जिससे कि ग्लूकोज कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही तेज पत्ता कुल 26% कॉलेस्ट्रॉल भी घटाते हैं जिनमें एलीएल कॉलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लाइसेराइड्स भी शामिल होता है। इसके अलावा एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल 20% बढ़ता है।
कैसे करें इस्तेमाल- बेहतर परिणामों के लिए सलाह दी जाती है कि डाइट में तेज पत्तों के साथ-साथ उचित खानपान का ख्याल रखा जाए और साथ में एंटी-डायबिटिक मेडिकेशन लिया जाए। अध्ययन में 30 दिन तक रोज 1-3 ग्राम तेज पच्चे का सेवन करने की बात कही गई है जिससे कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल बेहतर होता है और डायबिटीज से जुड़े खतरे कम होते हैं। आप अपने सूप और रोजमर्रा की सब्जी में इन पत्तों को डाल सकते हैं। इसके पाउडर को भी खाने में मिला सकते हैं।
बता दें कि इसमें एक प्रकार का एन्जाइम होता है जो बदहजमी को दूर करके कब्ज़, एसिडिटी और पेट के गड़बड़ी से राहत दिलाने में मदद करता है। चाय में तेजपत्ता डालकर इसका काढ़ा बना लें और इसका सेवन करें। इसमें जो फाइटो-न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं वे दिल के कार्य-कलाप को स्वस्थ तरीके से करवाकर दिल का दौरा पड़ने की संभावना को कम करते हैं। तीन सौ लीटर पानी में तीन ग्राम तेजपत्ता और तीन ग्राम गुलाब की पंखुड़ियाँ डालकर पीएं।

