थायरॉयड ग्रंथि हमारे गर्दन के आगे स्थित एक छोटा अंग है और यह तितली के आकार का होता है। इसका काम हमारे शरीर में थायरॉयड हार्मोन्स का स्राव करना होता है जो विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण काम करते हैं। जब यह ग्रंथि अधिक या कम मात्रा में हार्मोन्स का स्राव करने लगती है तब हमें थायरॉयड की बीमारी हो जाती है। जब थायरॉयड हार्मोन्स का स्राव अधिक होता है तब हम उसे हाइपरथाइरोएडिज्म कहते हैं और जब हार्मोन्स का स्राव कम होने लगता है तो वैसी स्थिति को हम हाइपोथाइरोएडिज्म कहते हैं। थायरॉयड की बीमारी हो जाने पर हमें कुछ फूड्स से दूरी बना लेनी चाहिए और डॉक्टर्स भी यही सलाह देते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें थायरॉयड में खाना वर्जित होता है।
खट्टे फल और पत्तेदार सब्जियां – थायरॉयड की बीमारी होने पर खट्टे फल जैसे खट्टे अंगूर, नींबू, टमाटर आदि खाना नुकसानदेह हो सकता है। डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं कि थायरॉयड के मरीज़ इन खट्टे फलों से दूर रहें। पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ आदि खाने से भी थायरॉयड की स्थिति बिगड़ सकती है इसलिए इनसे परहेज़ करें।
चॉकलेट और अधिक मीठे पदार्थ – थायरॉयड से ग्रस्त मरीज अगर अधिक चॉकलेट का सेवन करते हैं तो उनमें अपच की शिकायत होती है। हाइपरथाइरोएडिज्म की स्थिति में हमारा मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे में चॉकलेट और मीठे पदार्थ खाने से हमारा वजन तेज़ी से बढ़ सकता है जो हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा। इन पदार्थों में किसी तरह का पोषक तत्व नहीं होता बल्कि केवल शुगर होता है जो अधिक कैलरी वाला होता है।
कैफ़ीन और अल्कोहल – थायरॉयड से ग्रस्त मरीजों को कैफ़ीन यानि चाय, कॉफी आदि पेय पदार्थों के अधिक सेवन से बचना चाहिए। अधिक सेवन से थायरॉयड की समस्या और अधिक जटिल हो सकती है। अल्कोहल से परहेज़ भी थायरॉयड मरीजों के लिए जरूरी है। एल्कोहल के सेवन से एनर्जी लेवल बढ़ता है और इससे नींद की समस्या भी होने लगती है। थायरॉयड में अधिक शराब के सेवन से ओस्टियोपोरोसिस होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
ग्लूटेन युक्त फूड जैसे चावल, ब्रेड – हाइपोथाइरोएडिज्म से ग्रसित लोगों को ग्लूटेन युक्त फूड्स के ज़्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए। ग्लूटेन एक विशेष प्रकार का प्रोटीन होता है जो गेहूं, जौ, राई और अन्य अनाजों में पाया जाता है। जब हम ग्लूटेन खाते हैं तब एंटीबॉडीज को यह ट्रिगर कर देता है और वो थायरॉयड ग्लैंड पर अटैक कर देती हैं। कई थायरॉयड के मरीजों में यह देखा गया है कि जब उन्होंने अधिक ग्लूटेन का सेवन किया तो उनके थायरॉयड एंटीबॉडी अचानक बेहद कम हो गए।