डर को अंग्रेजी में फोबिया कहते हैं। फोबिया एक प्रकार की मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति किसी न किसी चीज से डरता है। हम में से हर कोई किसी न किसी चीज से डरता है। फिर चाहे वह पानी से जुड़ा फोबिया हो या किसी ऊंचाई से जुड़ा फोबिया हो। फोबिया कई तरह के होते हैं, आज हम जिस फोबिया के बारे में बात करेंगे वो है कार्डियोफोबिया-

कार्डियो का मतलब दिल से जुड़ा होता है और फोबिया का मतलब होता है डर यानी दिल का दौरा पड़ने जैसा दिल की बीमारी होने और इससे मरने का डर होता है। कार्डियोफोबिया एक प्रकार का डर है जिसमें व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने और उससे मरने का डर होता है। जिससे अगर किसी व्यक्ति के सीने में हल्का सा भी दर्द महसूस होता है तो उसके मन में सबसे पहले डर आता है कि कहीं उसे हार्ट अटैक तो नहीं आया है। आइए जानते हैं कार्डियोफोबिया के लक्षण, कारण और उपाय-

कार्डियोफोबिया के लक्षण क्या हैं?

कार्डियोफोबिया के रोगियों में चिंता के कारण कई लक्षण दिखाई देते हैं। अधिक ध्यान देने पर मानसिक तनाव लक्षणों को और बढ़ा सकती है। चक्कर आने के साथ दिल की घबराहट, उच्च रक्तचाप की समस्या, पसीना बहाना, बेहोश हो जाना कंपकंपी आदि। तमाम जांचों के बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको हृदय रोग है तो यह कार्डियोफोबिया का लक्षण हो सकता है।

कार्डियोफोबिया होने के कारण

कार्डियोफोबिया होने के कई कारण हो सकते हैं। यदि घर में किसी की मृत्यु हृदयघात या हृदय रोग से हुई है, उच्च कोलेस्ट्रॉल, बीपी या सांस की समस्या वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है, क्योंकि इन सभी बीमारियों या स्थितियों में रोगी को दौरा पड़ने की संभावना होती है।

कार्डियोफोबिया का इलाज क्या है?

कार्डियोफोबिया के इलाज के लिए किसी मनोवैज्ञानिक से मिलें। दिल की अच्छी सेहत सुनिश्चित करने के लिए आप साल में दो बार चेकअप करवा सकते हैं, जिससे आपको दिल की बीमारी का भी डर नहीं रहेगा। गहरी सांस लेने के व्यायाम और ध्यान की मदद लेनी चाहिए।