खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से फैटी लीवर की परेशानी लोगों को परेशान कर रही है। फैटी लिवर एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें लिवर में फैट या चर्बी जमा होने लगती है। लीवर फैटी होने के कई कारण हैं जैसे शराब का सेवन, दवाइयों का अधिक सेवन, वायरस इनफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस सी के कारण,प्रेग्नेंसी में,जेनेटिक कारण की वजह से भी लीवर फैटी होने की परेशानी हो सकती है। अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान कर ली जाए तो आसानी से इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है।
शुरूआत में ये परेशानी बेहद मामूली होती है लेकिन अगर लम्बे समय तक ध्यान नहीं रखा जाए तो परेशानी बढ़ सकती है। 30 फीसदी लोगों में फैटी लीवर की परेशानी होती है। 5-10 फीसदी बच्चों में भी फैटी लीवर की परेशानी हो सकती है। जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है या किसी क्रॉनिक बीमारी की चपेट में है उन्हें भी फैटी लीवर की बीमारी हो सकती है। बढ़ता मोटापा इस बीमारी के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है।
लीवर हमारी बॉडी का सबसे बड़ा आर्गन है जिसका वजन 1200 से 1300 ग्राम तक होता है। लीवर पाचन को दुरुस्त रखता है,खून की सफाई करता है,बॉडी के बहुत से एंजाइन को लीवर एक्टिवेट करता है। लीवर स्टोरेज का भी काम करता है। गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल कानपुर में डॉक्टर वीके मिश्रा के मुताबिक लीवर के फैटी होने से पांव और पेट में उसके दो लक्षण दिखने लगते हैं। लीवर में फैट का लम्बे समय तक डिपोजिट होना फैटी लीवर के लक्षण हो सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि फैटी लीवर की वजह से पैरों में और पेट में कौन-कौन से दो लक्षण दिखते हैं।
पैरों में सूजन आना फैटी लीवर के संकेत हो सकते हैं:
अगर आपके पैरों में दर्द और सूजन की परेशानी है तो समझ जाइए आपका लीवर फैटी हो रहा है। हालांकि पैरों में सूजन और भी कई कारणों की वजह से हो सकती है। पैरों,टखनों,पैरों में सूजन आना फैटी लीवर के संकेत हो सकते हैं।
पेट के अंदर पानी आना:
लीवर फैटी होने पर पेट के अंदर पानी आने लगता है और पेट का साइज बढ़ने लगता है। पेट की जांच करने पर उसमें फ्लूड दिखाई देने लगता है। आमतौर पर जब लिवर में सिरोसिस नाम की बीमारी होती है तब लिवर में पानी भरना शुरू हो जाता है। यह स्थिति बेहद दर्दनाक हो सकती है जिसकी वजह से मरीज को चलने फिरने में दिक्कत होती है।
फैटी लीवर से बचाव कैसे करें।
- फैटी लीवर की परेशानी है तो आप डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करें। डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स और फलियों का सेवन करें।
- फैटी लीवर में डाइट में बदलाव करें। डाइट में हेल्दी फैट को शामिल करें। वोकाडो, नट्स, बीज और जैतून का तेल हेल्दी फैट्स का बेहतरीन स्रोत हैं।
- खाने की मात्रा सीमित करें। ज्यादा खाएंगे तो लीवर का फैट बढ़ेगा।
- लीवर को हेल्दी रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- डाइट में सैचुरेटिड फैट का सेवन बंद करें। डिब्बाबंद पैक फूड से परहेज करें।