आज के समय में खराब खानपान के कारण लिवर पर वसा यानी फैट इक्ट्ठा हो जाता है, इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। मेडिकल भाषा में फैटी लिवर की समस्या को हेप्टिक स्टोटोसिस कहा जाता है। एक स्टडी के मुताबिक वर्तमान में दुनिया का एक तिहाई हिस्सा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान का बेहद ही ध्यान रखने की जरूरत होती है। फैटी लिवर में क्या नहीं खाना चाहिए, इसके बारे में भी पता करना जरूरी है। आज हम ऐसी चीजों का जिक्र करेंगे, जिनका सेवन करना फैटी लिवर के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

अल्कोहल: अधिक शराब का सेवन करने से भी फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। अगर आप पहले से ही फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं तो शराब को बिल्कुल बंद कर दें। अल्कोहल का सेवन फैटी लिवर वालों के लिए अधिक नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह लिवर को खराब करके उसकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है।

एडेड शुगर: फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित मरीजों को अधिक मीठे के सेवन से बचना चाहिए। इसलिए उन सभी चीजों के सेवन से दूरी बना लेनी चाहिए, जिसमें एडेड शुगर पाया जाता है। क्योंकि इन चीजों में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जरूरत से ज्यादा मीठे का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है।

फ्राइड फूड: फैटी लिवर के मरीजों को सबसे पहले तले हुए भोजन से परहेज करना चाहिए। तले हुए भोजन में वसा भरपूर मात्रा में पाई जाती है, जो फैटी लिवर वालों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं। समोसे, ब्रेड पकौड़े, फ्रेंज फ्राइज, चिली पोटेटो,और स्प्रिंग रोल आदि में सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है, जो आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

नमक: नमक का उपयोग कम से कम मात्रा में करना चाहिए। इसका कारण है कि नमक का अधिक उपयोग हाई बीपी का कारण बन सकता है (15)। इसका सीधा असर फैटी लिवर वाले रोगियों पर देखने को मिल सकता है।

व्हाइट ब्रेड: व्हाइट ब्रेड की गिनती हाई ग्लाइसेमिक फूड्स में की जाती है, जो शरीर में ग्लूकोज का लेवल जल्दी बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इससे फैटी लिवर से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।

चावल: यक अन्य अध्ययन के मुताबिक फैटी लिवर के मरीजों को चावल खाने को लेकर उनके मन में एक आम सवाल है। रिसर्च के मुताबिक बता दें कि चावल का उपयोग भी फैटी लिवर वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कारण यह है कि चावल भी एक हाई ग्लाइसेमिक फूड है और यह रक्त शर्करा को बढ़ाकर फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकता है।

पास्ता: एक अध्ययन के अनुसार फास्ट फूड जैसे पास्ता का सेवन भी लिवर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, लिवर के मरीजों को ऐसे खाद्य-पदार्थों के सेवन से परहेज करें।

रेड मीट: संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार द्वारा संचालित, यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक रेड मीट में फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है और लिवर में फैटी एसिड का जमाव नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकता है।