Fatty Liver: धीरे-धीरे जब शरीर के प्रमुख हिस्से लिवर में वसा का निर्माण ज्यादा होने लगता है तो फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत लोग फैटी लिवर की परेशानी का सामना कर रहे हैं। लिवर के भार से जब फैट 10 फीसदी बढ़ जाता है तो इस रोग से ग्रस्त होने का खतरा भी अधिक हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ये बीमारी लिवर के साइज को प्रभावित करता है। इस कारण लिवर में सूजन हो जाती है या फिर वो संकुचित यानि कि सिकुड़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी को केवल बेहतर जीवन शैली और हेल्दी डाइट से ही ठीक किया जा सकता है।
कॉफी: कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है ये तत्व सूजन की समस्या को कम करने में मदद करता है। लिवर एंजाइम की मात्रा को काबू में रखने में कॉफी को कारगर माना गया है। इसके साथ ही लिवर को संक्रमण से बचाने में भी ये फादेमंद है।
इसके अलावा, कॉफी को पॉलीफेनोल्स, कैफीन, मेथिलक्सैन्थिन जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। साथ ही, कॉफी कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, नाइट्रोजन यौगिक, निकोटिनिक एसिड, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्वों से भी भरपूर होते हैं। ये लिवर से फैट की मात्रा कम करने में मददगार होते हैं। कई स्टडी में भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि फैटी लिवर के मरीजों के लिए कॉफी का सेवन फायदेमंद है।
नाश्ते के साथ या उसके बाद कॉफी पीने से लिवर हेल्दी रहेगा। दिन में 3 से 4 बार कॉफी का सेवन करने से लिवर की बीमारी का खतरा 21 फीसदी तक घटता है।
आंवला का जूस: विटामिन-सी की मौजूदगी आंवला को सेहत के लिए फायदेमंद बनाती है। आंवले में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आंवले में मौजूद क्यूरसेटिन फाइटोकेमिकल, लिवर की कोशिकाओं से फैट कम करने में मददगार होता है।
तीन आंवले को काट लें और थोड़ा पानी मिलाकर मिक्सी में चलाएं। इस जूस को गर्म पानी में डालकर पीयें, बता दें कि ये पेय शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में भी मदद करता है।
इसके अलावा, ग्रीन टी, गिलोय का काढ़ा और गन्ने का जूस भी फैटी लिवर के खतरे को कम करने में सहायक होता है।
