लिवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह बॉडी में एनर्जी को स्टोर करने, खाना पचाने, टॉक्सिक पदार्थों को फ्लश आउट करने, खून को साफ करने के साथ ही मेटाबॉलिज्म को सुधारने का भी करने का काम करता है। हालांकि आज के समय में खराब खानपान के कारण लिवर पर वसा यानी फैट इक्ट्ठा हो जाता है, इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर की समस्या में लिवर सिकुड़ जाता है और वह अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
मेडिकल भाषा में फैटी लिवर की समस्या को हेप्टिक स्टोटोसिस कहा जाता है। एक स्टडी के मुताबिक वर्तमान में दुनिया का एक तिहाई हिस्सा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहा है। लिवर पर फैट जमा हो जाने के कारण हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान का बेहद ही ध्यान रखने की जरूरत होती है। आज हम ऐसी चीजों का जिक्र करेंगे, जिनका सेवन करना फैटी लिवर के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अधिक मीठा: फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित मरीजों को अधिक मीठे के सेवन से बचना चाहिए। उन्हें अधिक चॉकलेट, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक या फिर केक और पेस्ट्री आदि चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इन चीजों में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जरूरत से ज्यादा मीठे का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है।
ऑयली फूड: अधिक तली-भुनी चीजों को खाने से भी फैटी लिवर के मरीजों को बचना चाहिए। समोसे, ब्रेड पकौड़े, फ्रेंज फ्राइज, चिली पोटेटो,और स्प्रिंग रोल आदि में सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है, जो आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शराब: अधिक शराब का सेवन करने से भी फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। अगर आप पहले से ही फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं तो शराब को बिल्कुल बंद कर दें। क्योंकि यह लिवर की कोशिकाओं को डैमेज कर सकता है, जिससे लिवर फेलियर का खतरा बढ़ता है।