फैटी लिवर डिजीज जिसे साइलेंट किलर यानी खामोशी से बढ़ने वाली बीमारी कहा जाता है। फैटी लिवर डिजीज में लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है जो धीरे-धीरे लिवर की कार्यक्षमता को घटा देता है। लिवर हमारी बॉडी का अहम अंग है जो हमारी बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है, पोषक तत्वों को पचाने और एनर्जी का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है।

इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैंक्रियाटिक बिलियरी साइंसेज, सर गंगा राम अस्पताल में अध्यक्ष डॉ. (प्रो.) अनिल अरोड़ा ने बताया फैटी लिवर आधुनिक महामारी बन चुकी है। खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल लिवर की सेहत को बिगाड़ देता है और लिवर ठीक से काम नहीं करता। लिवर में थोड़ी भी परेशानी होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति गंभीर बीमारियों जैसे लिवर सिरोसिस, टाइप-2 डायबिटीज़ और हार्ट डिज़ीज़ का कारण बन सकती है। 

अच्छी बात यह है कि फैटी लिवर की शुरुआत में ही इसे ठीक किया जा सकता है, बस इसके संकेतों को पहचानना और सही लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है। आइए जानते हैं फैटी लिवर के बॉडी में कौन-कौन से प्रमुख लक्षण दिखते हैं जिन्हें कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि लिवर फैटी होने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।

लगातार थकान रहना 

अगर अच्छी नींद लेने के बाद भी आप हमेशा थकान महसूस करते हैं, तो यह फैटी लिवर का शुरुआती संकेत हो सकता है। लिवर में फैट जमा होने से शरीर से टॉक्सिन बाहर नहीं निकलते और पोषण ठीक से नहीं पचता, जिससे ऊर्जा की कमी होती है। ऐसी स्थिति में हर छोटा काम भी भारी लगता है। इस थकान को अक्सर तनाव या खराब लाइफस्टाइल समझकर अनदेखा कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में लिवर की जांच जरूर कराएं।

पेट के आस-पास वजन का बढ़ना

अचानक से वजन का बढ़ना फैटी लिवर डिजीज हो सकता है। बिना लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव किये ये चर्बी पेट के आसपास जमा होने लगती है। लिवर जब फैट नहीं पचा पाता, तो वह उसे जमा करने लगता है। ये स्थिति उन लोगों में अधिक दिखती है जो शारीरिक रूप से कम सक्रिय होते हैं या जिन्हें इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है। समय रहते संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इसे सुधारा जा सकता है।

ब्लोटिंग और बदहजमी होना

अगर आपको अक्सर पेट में भारीपन, गैस, अपच और ब्लोटिंग की परेशानी रहती है तो यह संकेत हो सकता है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा। फैटी लिवर की स्थिति में बाइल जूस का उत्पादन कम हो जाता है जिससे शरीर फैट को अच्छे से नहीं पचा पाता। इस स्थिति में ब्लोटिंग, गैस बनना और पेट में बेचैनी जैसी परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में तैलीय भोजन से बचें और पाचन में मदद करने वाले प्रोबायोटिक फूड का सेवन करें।

आंखों और स्किन में पीलापन

अगर आपकी स्किन या आंखों की सफेदी में हल्का सा पीलापन दिख रहा है, तो यह लिवर में बढ़ते फैट का संकेत हो सकता है। लिवर जब सही से काम नहीं करता, तो बिलीरुबिन नामक पदार्थ शरीर में जमा होने लगता है जिससे पीलिया हो सकता है। यह लक्षण अक्सर शुरुआती स्तर पर नज़र आते है और अगर समय रहते इलाज न हो तो स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।

पेट के एक हिस्से में दर्द होना

अगर पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन महसूस हो रहा है, खासकर खाने या शराब पीने के बाद तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। लिवर में फैट जमा होने से लिवर में सूजन आने लगती है, जिससे उसका बाहरी हिस्सा फैलता है और दर्द महसूस होता है। अगर आपको यह दर्द बार-बार होता है, तो लिवर की अल्ट्रासाउंड और खून की जांच करवाएं।

मल और मूत्र के रंग में बदलाव

लिवर में खराबी होने पर मल और मूत्र के रंग में भी बदलाव आता है। अगर आपका पेशाब गहरे पीले रंग का हो गया है और मल मिट्टी जैसे रंग का हो रहा है तो यह लिवर में गड़बड़ी का संकेत है। फैटी लिवर की स्थिति में बाइल प्रोडक्शन और विषैले तत्वों को बाहर निकालने की प्रक्रिया प्रभावित होती है जिससे शरीर में अपशिष्ट सही से नहीं निकल पाता। यूरिन और मल में होने वाले इस बदलाव को महसूस करें तो तुरंत लिवर की जांच कराएं।

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