Fatty Liver Patients Diet: आमतौर पर कुछ मात्रा में फैट लिवर सेल्स में हमेशा ही मौजूद होते हैं। मगर जब लिवर सेल्स में फैट की मात्रा 5 परसेंट से ज्यादा हो जाए तो इससे फैटी लिवर की परेशानी बढ़ जाती है। ज्यादातर कहा जाता है कि शराब का अत्यधिक सेवन फैटी लिवर के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि, सिर्फ यही एक कारण नहीं है इस बीमारी का, बल्कि नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर युवाओं में होने वाली आम बीमारियों में से एक है। ये बीमारी कई बार खतरनाक रूप भी ले सकती है। इससे सिरोसिस, यहां तक कि लिवर कैंसर तक का खतरा बढ़ता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार तरल पदार्थ के सेवन से फैटी लिवर की परेशानी को कम करना आसान होता है। ऐसे में आज हम कुछ उन ड्रिंक्स के बारे में बात करेंगे जो लिवर को हेल्दी रखने में मददगार साबित होती हैं।

ग्रीन टी: एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं ग्रीन टी। इसके सेवन से लिवर में जमे फैट को कम करने में मदद मिलती है। केवल इतना ही नहीं, ये भी माना जाता है कि ग्रीन टी पीने वाले लोगों का लिवर दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी तरीके से काम करता है।

कॉफी: फैटी लिवर के मरीजों के लिए कॉफी का सेवन फायदेमंद है, इस बात की पुष्टि कई शोधों में की गई है। माना जाता है कि रोजाना सीमित मात्रा में कॉफी पीने से फैटी लिवर का खतरा कम होता है। एक अध्ययन के मुताबिक लिवर एंजाइम की मात्रा को काबू में रखने में कॉफी को कारगर माना गया है। साथ ही, लिवर इंफेक्शन का जोखिम भी कॉफी के सेवन से कम होता है।

गन्ने का रस: पाचन प्रणाली को मजबूत करने में गन्ने के रस का सेवन प्रभावी होता है। डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करने से लिवर पर बोझ कम पड़ता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स लिवर की कार्य प्रणाली को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। इतना ही नहीं, लिवर को मजबूत बनाने के साथ ही पीलिया, जॉन्डिस जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए भी इसका सेवन बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

आंवले का जूस: विटामिन सी युक्त आंवला लिवर को हेल्दी बनाए रखने में बेहद कारगर है। ये लिवर के कार्य क्षमता को बेहतर करता है।