फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है। शुरुआत में यह सिंपल फैटी लिवर होता है, जिसमें कोई खास लक्षण नहीं दिखते। लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो लिवर में सूजन, कोशिकाओं को नुकसान और फाइब्रोसिस की समस्या शुरू हो जाती है। यही स्थिति आगे चलकर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। अच्छी बात ये है कि सही डाइट और लाइफस्टाइल से फैटी लिवर को काफी हद तक रिवर्स किया जा सकता है। कुछ फूड्स ऐसे हैं जो लिवर को फैटी बनाने में जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे ज्यादा शुगर वाले फूड्स, मिठाइयां, केक, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन लिवर के लिए खतरा हैं। रिफाइंड कार्ब्स जैसे मैदा, सफेद ब्रेड, पास्ता, डीप फ्राइड फूड्स समोसे, पकोड़े, चिप्स प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स, ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से भरपूर चीजें और अल्कोहल का सेवन लिवर पर फैट जमा करता हैं।

क्या फैटी लिवर डाइट से रिवर्स किया जा सकता है?  

गैस्ट्रो लिवर हॉस्पिटल में गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर वीके मिश्रा के मुताबिक शुरुआती स्टेज में फैटी लिवर को सही डाइट, वजन कंट्रोल और नियमित एक्सरसाइज से रिवर्स किया जा सकता है। डाइट लिवर के अंदर जमा फैट को कम करने, सूजन घटाने और स्कोरिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि गंभीर मामलों में केवल डाइट काफी नहीं होती, लेकिन ये बीमारी को आगे बढ़ने से जरूर रोक सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डाइट में कौन से फूड्स का सेवन करने से फैटी लिवर का इलाज होता है।

लिवर का फैट कम करने वाले फूड्स

हरी सब्जियां और फल

हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, ब्रोकली और लौकी लिवर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर होता है, जो लिवर में जमा फैट को कम करने में मदद करता है। फल जैसे सेब, बेरीज़ और पपीता भी सीमित मात्रा में लिए जा सकते हैं, लेकिन फलों का जूस नहीं, पूरा फल खाना बेहतर होता है।

होल ग्रेन्स (साबुत अनाज)

ब्राउन राइस, ओट्स, ज्वार, बाजरा और होल व्हीट जैसे अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करते हैं, जिससे लिवर में फैट जमा होने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है। रिफाइंड अनाज जैसे मैदा, सफेद ब्रेड और बिस्कुट से दूरी बनाना जरूरी है।

लीन और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन

दालें, चना, राजमा, सोया, टोफू और कम फैट वाला दही लिवर के लिए सुरक्षित प्रोटीन सोर्स हैं। अगर नॉन-वेज खाते हैं, तो अंडे का सफेद हिस्सा और मछली बेहतर विकल्प हैं। ज्यादा फैटी मीट लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।

हेल्दी फैट्स

नट्स, सीड्स (अलसी, चिया सीड्स), ऑलिव ऑयल और फैटी फिश में मौजूद हेल्दी फैट्स लिवर की सूजन कम करने में मदद करते हैं। ये फैट्स पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड होते हैं, जो सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की तुलना में लिवर के लिए ज्यादा सुरक्षित हैं।

फाइबर रिच फूड्स

ओट्स, दालें, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर पाचन सुधारता है, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है और लिवर में फैट जमा होने से रोकता है। फैटी लिवर के मरीजों को रोजाना पर्याप्त फाइबर लेना बहुत जरूरी होता है।

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