लिवर शरीर का सबसे बड़ा अंग है, जो एक महत्वपूर्ण फ़िल्टरिंग और मेटाबॉलिक सेंटर के रूप में काम करता है। यह 500 से भी अधिक फंक्शन करता है। ये पाचन को सही रखने और शरीर से हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकालने का काम करता है। अगर लिवर की सेहत का ध्यान नहीं रखा जाए तो बॉडी बीमारियों का घर बन जाएगी। लिवर से जुड़ी परेशानियों के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे खराब डाइट, ज्यादा शराब का सेवन, कुछ दवाओं का सेवन करने से और अनुवांशिक कारण भी लिवर की बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

अगर लिवर की समस्या समय रहते पकड़ी न जाए, तो यह धीरे-धीरे बढ़कर गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है, जिनमें से एक है लिवर सिरोसिस। एक्सपर्ट के मुताबिक लिवर में थोड़ी सी गड़बड़ी होने पर भी शरीर कुछ संकेत देने लगता है। अगर इन शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।

वैसे तो लिवर डिजीज के शुरुआती संकेत अक्सर बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें लोग आमतौर पर मामूली पाचन समस्याएं समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन लिवर की बीमारी का समय पर पता लगना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि इससे गंभीर और स्थायी डैमेज से बचा जा सकता है। हम आपको लिवर डैमेज के 5 शुरुआती संकेत बता रहे हैं जिन्हें लोग आसानी से अनदेखा कर देते हैं।

हर वक्त थकान और कमजोरी होना

हेल्थलाइन के मुताबिक लिवर रोग का सबसे पहला संकेत लगातार थकान और कमजोरी है। मरीज आराम करने के बाद भी खुद को थका हुआ और सुस्त महसूस करता हैं।लिवर खून को फ़िल्टर करने और एनर्जी प्रोड्यूस करने का काम करता है, लेकिन जब यह सही ढंग से काम नहीं करता तो शरीर की परफॉर्मेंस घटने लगती है। यह थकान सामान्य कामकाजी थकान से अलग होती है, क्योंकि यह थकान बिना वजह लगातार बनी रहती है और रोज़मर्रा की गतिविधियों में बाधा डालती है।

सीधे हाथ की तरफ पेट में हल्का दर्द होना

लिवर की बीमारी की शुरुआती निशानी दाईं पसलियों के नीचे हल्का दर्द या दबाव महसूस होना है। यह दर्द अक्सर हल्की सी झनझनाहट या दबाव जैसा होता है, जिसे लोग मांसपेशियों का खिंचाव या अपच समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लिवर में सूजन होना और उसका बढ़ना इस दर्द की वजह हो सकता है। अगर दर्द बार-बार हो या बढ़ रहा हो, तो डॉक्टर से तुरंत जांच करानी चाहिए।

भूख कम लगना और वजन का घटना

लिवर में परेशानी होने पर भूख भी प्रभावित होती है। लिवर की बीमारी में भूख कम हो जाती है मरीज कम खाता है और वजन तेजी से कम होने लगता है। इस स्थिति में मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और बॉडी को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता। लिवर पाचन और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, इसकी गड़बड़ी से भोजन ठीक से पचता नहीं और न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण प्रभावित होता है।

स्किन में बदलाव होना

लिवर से जुड़ी परेशानी होने पर स्किन की रंगत में बदलाव आने लगता है। स्किन पर लाल जाले जैसी नसें दिखने लगती हैं। ये नसें कमर के ऊपर, छाती या कंधों पर दिखाई देती हैं। हथेलियों का लाल होना भी लिवर डिजीज का संकेत है।

पाचन खराब होना और मतली होना

लिवर में परेशानी होने पर हल्की मतली हो सकती है। इस परेशानी में ब्लोटिंग,अपच और डायरिया परेशान कर सकता है। लिवर में खराबी का असर पाचन को बेहद प्रभावित करता है, क्योंकि लिवर का डिटॉक्सिफिकेशन और पित्त बनाने का काम प्रभावित हो जाता है, जिससे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है।

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