Fatty Liver Causes: आमतौर पर लोगों को लगता है कि लिवर संबंधित बीमारियां केवल उन्हें ही हो सकती है जो शराब का अत्यधिक सेवन करते हैं। शराब पीना लिवर के लिए बेहद हानिकारक है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि अगर आप शराब नहीं पीते तो आपको लिवर से संबंधित कोई बीमारी नहीं हो सकती है। फैटी लिवर एक ऐसी ही बीमारी है। इस बीमारी में लिवर की सेल्स में अतिरिक्त या फिर अनवांटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे लिवर में सूजन आ जाती है। इस इंफ्लैमेट्री एक्शन से लिवर के टिश्यूज कठोर हो जाते हैं। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर्स डाइट में पेय पदार्थों को अधिक शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन कुछ पेय पदार्थ फैटी लिवर की परेशानी को बढ़ा भी सकते हैं –
कोल्ड ड्रिंक: अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों को फैटी लिवर की शिकायत है, उन्हें कोल्ड ड्रिंक पीने से परहेज करना चाहिए। इनके सेवन से भविष्य में लोगों को कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। एक अध्ययन के अनुसार केवल 350 मिलीलीटर कोल्ड ड्रिंक पीने से ही लगभग शरीर में 10 चम्मच चीनी के समान शुगर पहुंच जाता है। बता दें कि फैटी लिवर के मरीजों के लिए न तो अधिक नमक और न ही चीनी फायदेमंद है।
शराब: फैटी लिवर के अलावा कई और लिवर संबंधित गंभीर बीमारी के पीछे शराब का अत्यधिक सेवन है। आमतौर पर फैटी लिवर के 3 प्रकार होते हैं जिनमें स्टीटोहैपेटाइटिस, स्टीटोसिस और नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहैपेटाइटिस शामिल हैं। स्टीटोहैपेटाइटिस शराब के अत्यधिक सेवन के कारण होता है। अगर मरीज इस बीमारी के बावजूद भी शराब पीते हैं तो इससे उनकी हालत गंभीर हो सकती है। लिवर सिरोसिस, यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण भी बन सकता है शराब।
चाय-कॉफी: मसालेदार खाने से लिवर प्रभावित होता है, इस बात की जानकारी तो लगभग सभी को है। लेकिन चाय और कॉफी का ज्यादा सेवन भी लिवर पर नकारात्मक असर डालता है। कैफीन युक्त ये पेय लिवर को कमजोर बनाने में सहायक हैं। इनकी जगह आप हर्बल टी का सेवन करें।
इनसे होगा फायदा: एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि छाछ यानि कि मट्ठे में मौजूद तत्व फैटी लिवर को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा भी हाई होती है जो लिवर को हेल्दी रखने में कारगर है। इसके अलावा, अनानास का जूस भी लिवर की इस बीमारी को काबू करने में मददगार है।