New Research on Cancer: 2018 में आई ग्लोबोकैन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कैंसर के लगभग साढ़े 11 लाख से भी अधिक नए मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इस आंकड़े में 5 लाख 87 हजार से भी ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है, रिपोर्ट के अनुसार 1.5 लाख से भी अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहना चाहिए, वहीं ये जानना भी बेहद जरूरी है कि किन चीजों को खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है। ‘मेडिकल न्यूज टुडे’ में छपी एक खबर के अनुसार, ज्यादा दूध पीने से भी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो सकती हैं।

इस हद तक बढ़ सकता है खतरा: रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने 30 साल और उससे अधिक उम्र की 52 हजार 795 औरतों पर ये शोध लगभग 8 वर्षों तक किया। इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर के कुल 1,057 मामले सामने आए। शोध के पहले लेखक गैरी ई फ्रेजर ने बताया कि दूध पीने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, हालांकि, इसके पीछे की वजह का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। लेखक के अनुसार, दिन भर में 1 कप दूध पीने से जहां स्तन कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, वहीं 2 या 3 कप दूध पीने से इस खतरे में 70 और 80 परसेंट तक की वृद्धि हो सकती है। वहीं, इस रिसर्च से ये बात भी सामने आई है कि सोया के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं होता।

क्या हैं और कारण: ब्रेस्ट कैंसर के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। खराब लाइफस्टाइल, जंकफूड ज्यादा खाना भी हानिकारक होता है। इसके मोटापे से जूझ रही महिलाओं को भी ये अपना शिकार बना सकती है। स्तन कैंसर होने की एक वजह धूम्रपान और शराब का ज्यादा सेवन भी होता है। इसके अलावा, WHO के अनुसार अधिक उम्र में मां बनने पर या स्तनपान नहीं करवाने से भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। कई बार जेनेटिक कारणों से भी आप इस घातक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

ऐसे करें बचाव: शारीरिक रूप से फिट रहना बहुत आवश्यक है, इसलिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम या फिर मॉर्निंग वॉक करें। इसके अलावा तंबाकू, सिग्रेट, अल्कोहल व अन्य हानिकारक चीजों से दूरी बना लें। बैलेंस्ड डाइट आपकी सेहत के लिए लाभकारी है, इसलिए अपनी डाइट में सभी जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करें। लहसुन, प्याज, अदरक, ब्रोकली जैसी सब्जियों के साथ ही संतरा, गाजर और ग्रीन टी को भी अपने आहार का हिस्सा बनाएं। इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स कैंसर सेल्स से लड़ने में सक्षम हैं। साथ ही वजन को नियंत्रित करना भी जरूरी है।