देश के सभी राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है, जिसमें तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, मांसपेशियों में गंभीर दर्द समेत कई तरह की समस्याएं होती हैं। डेंगू की बीमारी में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिससे कई बार यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

जानी- मानी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए पपीते के पत्तों को इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में बहुत ही असरदार होते हैं। इसके अलावा जाने मानें फिजिशियन डॉक्टर अमरेंद्र झा के मुताबिक केवल डेंगू के कारण ही खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम नहीं होती बल्कि इसके कई और कारण भी हैं।

कारण: डॉक्टर अमरेंद्र झा के अनुसार वायरल फीवर या फिर टाइफाइड की बीमारी में भी प्लेटलेट्स का स्तर घट जाता है। जिन लोगों को लिवर से जुड़ी बीमारियां हैं, उनके शरीर में भी प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है। बता दें कि प्लेटलेट्स लिवर और बोन मैरो के जरिए बनता है, इसलिए लिवर की समस्या से ग्रसित लोगों में भी प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी मशीन के द्वारा किया जाता है तो कई बार मशीन 10 प्लेटलेट्स को 10 न गिनकर 1 गिन लेती है, ऐसी स्थिति में भी प्लेटलेट्स काउंट कम हो सकता है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने में पपीता कारगर: डॉक्टर दिव्या भावसार के मुताबिक पपीता न सिर्फ एक स्वादिष्ट फल है बल्कि यह जानलेवा बीमारियों से बचाने वाला एक औषधीय फल है। पपीते का फल ही नहीं बल्कि उसकी पत्तियां भी फायदेमंद होती हैं। खासकर डेंगू के मरीजों के लिए यह अमृत के समान है। यह अपने मलेरिया रोधी गुणों के लिए भी जानी जाती हैं जिसके कारण यहां डेंगू और मलेरिया बुखार से लड़ने का सबसे अच्छा घरेलू उपचार माना जाता है।

– इसके सेवन के लिए-कुछ मध्यम आकार के पपीते के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें। इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। पत्तों को 2 लीटर पानी के साथ एक बर्तन में उबाल लें। पानी जब आधा रह है जाये तो इसे ढंक दें और इसके अर्क को कांच के बर्तनों में भर लें।

– दूसरा तरीका है रोजाना एक गिलास पपीते के रस में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। इस जूस को दिन में कम से कम 2-3 बार पियें और आप इससे डेंगू बुखार को तेजी से ठीक कर सकते हैं।

-कुछ पपीते के पत्ते लें और उन्हें अच्छी तरह पीस लें और इसका रस छानकर 2 बड़े चम्मच से दिन में 2 बार पिएं।