खाना ठीक से हजम नहीं होता, छाती पर पड़ा हुआ महसूस होता है, पेट में गैस इतनी ज्यादा बनती है कि उठने-बैठने में भी तकलीफ होती है, पेट फूला रहता है और खट्टी डकार आती है तो ये सभी लक्षण पाचन खराब होने के है। बॉडी में दिखने वाले इन लक्षणों से अक्सर लोग परेशान रहते है। कभी-कभी ये परेशानी होने के लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। लेकिन अगर बार-बार आपकी बॉडी में ये लक्षण दिखते हैं तो इन्हें हल्के में नहीं लें। ये सभी संकेत पाचन तंत्र (Digestive System) ठीक से काम नहीं करने की तरफ इशारा करते हैं।

खाना ठीक से न पचना, छाती पर भारीपन या जलन होना, गैस बनना, पेट फूलना, खट्टी डकार आना ये सभी डाइजेस्टिव डिसऑर्डर या अपच के लक्षण हैं। पाचन से जुड़ी ये परेशानियां भारी, तला-भुना या ज्यादा मसालेदार खाना खाने से होती है। ये फूड पाचन को स्लो कर देते हैं। बहुत जल्दी खाना खाने से या बिना चबाए खाने से पेट में गैस बनती है और अपच की परेशानी होती है। खाना खाने के तुरंत बाद लेटने  से एसिड रिफ्लक्स और डकार आने लगती है।

अगर आप भी पाचन से जुड़ी इन परेशानियों से जूझ रहे है तो खाने से पहले दही में इस पाउडर को मिक्स करके खाएं। दही और मसालों के पाउडर का कॉम्बिनेशन पाचन से जुड़ी हर परेशानी का इलाज करता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट स्वामी ध्यान नीरव जी ने बताया अगर आपको अपच, गैस, एसिडिटी और सीने में भारीपन महसूस होता है तो आप खाने से पहले दही में जीरा, काली मिर्च, धागे वाली मिश्री और छोटी इलायची का पाउडर मिक्स करके खाएं। इन दोनों चीजों को मिक्स करके खाने से पेट का अफारा से निजात मिलेगी और पाचन दुरुस्त रहेगा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि जीरा, काली मिर्च, धागे वाली मिश्री और छोटी इलायची कैसे पाचन को दुरुस्त करती है और इसका सेवन कैसे करें।

दही का पाचन पर असर

प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही में गुड बैक्टीरिया जैसे Lactobacillus मौजूद होते हैं जो आंतों में खराब बैक्टीरिया को मारते हैं और हेल्दी माइक्रोफ्लोरा बनाए रखते हैं। खाने से पहले दही खाने से गैस, कब्ज, दस्त और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

जीरा (Cumin Seeds)

जीरे में थायमोल (Thymol) तत्व मौजूद होता है जो पाचन एंजाइम को एक्टिव करता है। जीरे के पाउडर का सेवन खाने से पहले करने से पेट की गैस, ऐंठन, पेट दर्द, अपच से राहत मिलती है।

काली मिर्च (Black Pepper)

काली मिर्च में पाइपरीन मौजूद होता है जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और पेट की गैस को कंट्रोल करता है। ये पाचन एंजाइम और लार का स्राव बढ़ाता है जिससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है।

धागे वाली मिश्री

धागे वाली मिश्री पेट को ठंडक देती है, एसिडिटी, जलन और खट्टी डकारों से राहत दिलाती है।खाने के बाद इसे चबाने से मुंह का स्वाद सुधरता है और पाचन क्रिया तेज होती है।

छोटी इलायची (Green Cardamom)

छोटी इलायची में एंटी-एसिड और एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं जो पेट की गैस, जलन, अपच और मुंह के दुर्गंध से छुटकारा दिलाती है।

दही के साथ जीरा, काली मिर्च, धागे वाली मिश्री और छोटी इलायची का सेवन कैसे करें

  • 50 ग्राम जीरा,
  • 50 ग्राम काली मिर्च,
  • 50 ग्राम धागे वाली मिश्री
  • 25 ग्राम छोटी इलायची के दाने

इस पाउडर को बनाने के लिए आप जीरा, काली मिर्च, धागे वाली मिश्री और छोटी इलायची को मिक्स कर लें और उसे मिक्सर में चलाकर उसका पाउडर बना लें। एक चम्मच इस पाउडर को एक कटोरी दही में मिक्स करके खाने से 15-20 मिनट पहले खाएं। खाने से पहले दही और मसालों का पाउडर खाने से आपकी बॉडी में चमत्कार दिखेगा। रोजाना इसका सेवन करने से पेट की गैस, एसिडिटी और अपच से राहत मिलेगी। 

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