पेट की गैस और एसिडिटी एक ऐसी परेशानी है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। अक्सर लोगों को खाते ही पेट में गैस और एसिडिटी होने लगती है जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे खाना जल्दी-जल्दी बिना चबाए खाना,अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना, पाचन तंत्र की समस्याएं, खाने के बाद पानी पीना,अत्यधिक कैफीन का सेवन, ज्यादा वसा और फाइबर का सेवन और तनाव बढ़ने से भी पेट में गैस और एसिडिटी होती है। कुछ लोग खाने के बाद तुरंत बिस्तर पर चले जाते हैं जिससे भी पेट में गैस और एसिडिटी होती है।

लोग पेट की गैस और एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए खाली पेट गोली खाते हैं या फिर कई तरह के सिरप का सेवन करते हैं। एलोपैथिक दवाओं का सेवन पाचन से जुड़ी इन परेशानियों का परमानेंट इलाज नहीं है। आयुर्वेद के मुताबिक पेट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए किचन में मौजूद मसालों का सेवन जादुई असर करता है। मेडिकल साइंस भी कुछ मसालों को गैस से निजात दिलाने में असरदार मानती है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झाजर ने बताया किचन में मौजूद जीरा,अजवाइन और सौंफ का सेवन करके पाचन से जुड़ी सभी परेशानियों का इलाज किया जा सकता है। अजवाइन और सौंफ को अगर खाने के बाद अकेले ही चबा लें तो आसानी से पेट की गैस और अपच से बचाव कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि जीरा,अजवाइन और सौंफ का सेवन कैसे पाचन को दुरुस्त करता है।

अजवाइन कैसे गैस एसिडिटी और कब्ज का इलाज करती है

अजवाइन का सेवन आयुर्वेद में एक प्रमुख घटक के रूप में होता है जिससे गैस, एसिडिटी और कब्ज का इलाज होता है। अजवाइन में थाइमोल नामक पदार्थ पाया जाता है जो पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है। खाने के बाद इसे चबाने से गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत मिलती है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक गुण मौजूद होते हैं जो पेट में गैस और सूजन को कम करते है। अजवाइन गैस को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे पेट की हलचल और discomfort कम होता है। अजवाइन आंतों की गति को बढ़ाती है जिससे आंतों में भोजन की गति सही रहती है और कब्ज का इलाज होता है। अजवाइन का सेवन करने से पेट में संक्रमण से बचाव होता है।  यह पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाती है जिससे पाचन बेहतर रहता है।

जीरा और सौंफ कैसे पाचन तंत्र को करते हैं दुरुस्त

जीरा में थाइमोल होता है जो पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है। इसका सेवन करने से भोजन का पाचन सही तरीके से होता है और मल सॉफ्ट होता है। जीरा कब्ज को दूर करता है और आंतों की गंदगी को साफ करता है। जीरा में एंटी-फ्लैटुलेंस गुण मौजूद होते हैं जो गैस और ब्लोटिंग को कंट्रोल करते हैं।

फाइबर से भरपूर सौंफ आंतों की सेहत को दुरुस्त करती है और मल को आसानी से सॉफ्ट बनाकर बाहर निकाती है। ये कब्ज को दूर करती है। सौंफ का सेवन आंतों की मांसपेशियों को राहत देता है जिससे कब्ज में राहत होती है। सौंफ पेट में गैस को कंट्रोल करती है जिससे पेट हल्का महसूस होता है।  जीरा और सौंफ का सेवन पाचन में सुधार करता है। ये दोनों मसाले पेट में उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त एसिड को कंट्रोल करते हैं जिससे एसिडिटी और जलन में राहत मिलती है। इन दोनों मसालों को अगर खाने के बाद चबा लिया जाए तो पेट फूलने की समस्या से राहत मिलती है।

आप जो खाना खाते हैं वो पच रहा है या फिर सड़ रहा है? बॉडी में दिखने वाले इन 5 लक्षणों से लगाएं पता। पूरी खबर की जानकारी लेने के लिए लिंक पर क्लिक करें।