कुछ भी खाते ही पेट में गैस बनती है और मुंह से डकार आने लगती है तो आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। पाचन से जुड़ी ज्यादातर परेशानियां खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का नतीजा है। डाइट में ऑयली, मसालेदार फूड्स का सेवन, प्रोसेस फूड का सेवन करने से पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ने लगी है। पेट में गैस बनने के लिए और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे भोजन के साथ पानी का अधिक सेवन करना, भोजन को सही तरीके से न चबाना। खाने के बाद पेट में गैस बनना और डकार आना ये स्पष्ट संकेत है कि आपकी पाचन क्रिया कमजोर हो गई है। यह स्थिति आयुर्वेद में “आम दोष” और आधुनिक विज्ञान में डाइजेस्टिव डिसऑर्डर से जुड़ी मानी जाती है।

डाइजेस्टिव डिसऑर्डर के लक्षणों की बात करें तो पेट में भारीपन, भोजन के तुरंत बाद डकार आना, गैस, अपच और बदहजमी होना, पेट फूलना, एसिडिटी और जलन होना शामिल है। अगर पाचन से जुड़ी इन परेशानियों से आप भी परेशान हैं तो आयुर्वेदिक तरीके से करें बीमारी का इलाज। कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स हैं जिनका सेवन करके आप न सिर्फ पाचन को दुरुस्त कर सकते हैं बल्कि पेट की गैस और ब्लोटिंग का भी इलाज कर सकते हैं।

न्यूट्रीशनिस्ट श्वेता शाह ने पेट से जुड़ी इन समस्याओं का इलाज आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से करने की सलाह दी है। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां सीने में जलन,एसिडिटी, और ब्लोटिंग को कंट्रोल करने में असरदार साबित होती हैं। अगर कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन उसका चूर्ण बनाकर किया जाए तो इम्यूनिटी बूस्ट होती है और पाचन में सुधार होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन-कौन सी जड़ी बूटियों का सेवन करके पेट की गैस और एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है।

पेट की गैस का इलाज मुलेठी, आंवला, खस, मिश्री, गिलोय, धनिया और सौंफ से करें

पेट की गैस का इलाज करने के लिए मुलेठी बेहद असरदार साबित होती है। इसका सेवन करने से ब्लोटिंग कंट्रोल होती है और पाचन में सुधार होता है। आंवला लिवर  को डिटॉक्स करता है और पाचन में सुधार करता है। खस का सेवन करने से बॉडी अंदर से कूल रहती है और खून साफ होता है। मिश्री का सेवन मुंह के स्वाद में सुधार करता है, बॉडी को ठंडक देता है और एनर्जी को बूस्ट करता है। पाचन को दुरुस्त करने में गिलोय और सूखा धनिया बेहद उपयोगी है। सौंफ चूर्ण पाचन तंत्र में सुधार करता है, गैस  और एसिडिटी में फायदेमंद है। इसका सेवन करने से सांसों की बदबू कंट्रोल रहती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।

सामग्री

मुलेठी चूर्ण – 50 ग्राम
आंवला चूर्ण – 50 ग्राम
खस का चूर्ण – 50 ग्राम
मिश्री – 25 ग्राम
गिलोय चूर्ण – 50 ग्राम
सूखा धनिया चूर्ण – 50 ग्राम
सौंफ चूर्ण – 25 ग्राम

कैसे करें सेवन

मुलेठी चूर्ण, आंवला चूर्ण, उशीर चूर्ण, मिश्री, गिलोय चूर्ण, सूखा धनिया चूर्ण,सौंफ चूर्ण को एक साथ मिलाएं और अच्छे से उन्हें मिक्स कर लें।  इस मिक्स पाउडर को एयर टाइट कंटेनर में रखें और उसका रोज सेवन करें।

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