पल-पल बदलते मौसम ने मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रखा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वक्त कभी बरसात तो कभी तेज गर्मी तो कभी नमी की वजह से हल्की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। ऐसे मौसम को वायरल बीमारियों के लिए भी जाना जाता है। कई तरह के वायरस ऐसे मौसम में सक्रिय होते हैं। लिहाजा चिकित्सक भी लोगों को इस मौसम में अपना विशेष ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं। खास तौर पर माता-पिता को अपने बच्चों को लेकर इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
इस मौसम में बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों पर ही होता है। ऐसे बदलते मौसम में बच्चों पर डेंगू, मलेरिया और फ्लू जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से कैसे अपने मासूमों को महफूज रखा जा सकता है? अगर वह इनकी चपेट में आ गए हैं तो कैसे उनका उपचार किया जाए? इस बारे में हमारे बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक गोस्वामी दे रहे हैं ये खास सलाह।
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
इस सीजन में इन्फेक्शन के वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। हवा के जरिए यह वायरस बड़ी तेजी से फैलते हैं। डॉक्टर गोस्वामी के मुताबिक इस सीजन में अक्सर बच्चों या युवाओं को सिर दर्द, शरीर में दर्द, उल्टियां, पेट में दर्द की शिकायत होती है। यह लक्षण डायरिया, मलेरिया, डेंगू या फिर फ्लू के हो सकते हैं। इन बीमारियों के अन्य लक्षणों में तीन से चार दिन तेज बुखार, गले में दर्द, हल्की ठंड लगना और कफ जमना शामिल है। अगर बच्चों को तीन या चार दिन से ज्यादा बुखार आए तो माता-पिता को तुरंत चिकित्सकों की सलाह लेनी चाहिए।
मच्छरों को फैलने ना दें
मलेरिया और डेंगू जैसे गंभीर बीमारी मच्छरों की वजह से फैलते हैं। ऐसे मौसम इन मच्छरों के पनपने के लिए मुफीद होते हैं। लिहाजा घरों को साफ-सुथरा रखना और एंटी मॉस्कयूटो का इस्तेमाल करना भी जरुरी है।
ऐसे करें बचाव
एक्सपर्ट के मुताबिक इस मौसम में पेय पदार्थ के तौर पर पानी का खूब इस्तेमाल करें। जूस का इस्तेमाल भी उपयोगी है। इसके अलावा इस मौसम में अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए क्योंकि ओवर क्राउडिंग से भी यह वायरस काफी तेजी से फैलता है। अगर बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल ना भेंजें। आप खुद भी बीमार हैं तो ऑफिस ना जाएं। छींक या खांसी आने पर हाथ से मुंह को ढंकने के बजाए रूमाल का इस्तेमाल करें।
इस मौसम में जितना हो सके उतना बाजार में खाना खाने से बचे। अगर पहले कभी फ्लू हुआ तो फ्लू का टीका और अन्य सभी बीमारियों का टीकाकरण जरूर कराएं। सबसे अहम बात यह है कि बच्चों की तबीयत जरा भी खराब होने पर खुद से इलाज करने के बजाए चिकित्सकों की सलाह सबसे पहले लें।