Cervical Cancer Awareness Month 2023 : सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे गंभीर कैंसरों में से एक है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद भारत में इस बीमारी से सबसे ज्यादा महिलाएं पीड़ित हैं। यह एक गंभीर प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा में होता है। दरअसल, महिलाओं में गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाले हिस्से को सर्विक्स कहते हैं। इस सर्विक्स में होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है।

अक्सर 35 से 40 की उम्र के बाद महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित होने लगता है। कभी-कभी उन्हें अत्यधिक रक्तस्राव होने लगता है। लेकिन कई महिलाएं इसे नॉर्मल समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन यह सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत हो सकती है। सर्वाइकल कैंसर को बहुत खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़े और किडनी तक फैल सकता है। ऐसे में इस कैंसर के लक्षणों को पहचानना और समय पर इसका इलाज करना बेहद जरूरी है। लेकिन अभी भी लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता की कमी है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल जनवरी के महीने में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।

भारत में 10 में से लगभग 8 महिलायें HPV से पीड़ित

सिटी एक्सरे & स्कैन क्लीनिक के पैथोलॉजिस्ट कंसल्टेंट & डायरेक्टर डॉ सुनीता कपूर ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक ऐसा कैंसर होता है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है। गर्भाशय का निचला हिस्सा जो योनि से जुड़ता है वहां पर यह कैंसर ज्यादातर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के कारण होता है। भारत में सर्वाइकल कैंसर के केसों की संख्या सबसे ज्यादा है। सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 23% भारत में होती हैं, भारत में 10 में से लगभग 8 महिलायें HPV (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) से पीड़ित हैं। ग्रामीण भारत में इस कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता बहुत कम हैं। सर्वाइकल कैंसर के बारे में महिलाओं में डर है इसलिए कुछ केसेस में महिलाएं इस तरह के कैंसर की रिपोर्ट भी नहीं करती हैं।

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इसके अलावा इलाज की पहुंच और इलाज में होने वाले खर्च की वजह से महिलाएं एचपीवी टीकों (HPV Vaccine) को लगवाने में संकोच करती हैं। सर्वाइकल कैंसर की जांच में देरी भारतीय महिलाओं में मौत का कारण बनती है। क्वालिटी वाला डायग्नोसिस, बेहतर जांच और फालोअप विजिट केयर उपलब्ध होने से सर्वाइकल कैंसर से निपटा जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर विश्व स्तर पर होने वाली कुल मौतों में चौथा सबसे बड़ा कारण है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण | Symptoms of Cervical Cancer

धर्मशिला राहत सपोर्टिव & पैलिएटिव केयर सेंटर की डायरेक्टर डॉ सुवर्षा खन्ना ने बताया कि पैप टेस्ट को पैप स्मीयर भी कहा जाता है। इस टेस्ट की मदद से सर्वाइकल कैंसर का पता शुरूआती स्टेज में लगाया जा सकता है। इस बीमारी का पता लगाना काफी आसान है। सर्वाइकल कैंसर होने से योनि से जो स्राव होता है वह बदबूदार होता है। सर्वाइकल कैंसर में महिलाओं का मूत्र असंयमित (Urinary incontinence of women in cervical cancer) हो जाता है मतलब महिलाएं अक्सर अपने मूत्र पर नियंत्रण नहीं रख पाती हैं। जैसे-जैसे बीमारी अगले चरण में पहुंचती है तो कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे कि योनि से खून बहना, योनि से दुर्गंधयुक्त सफेद स्राव होना, योनि से पेशाब/मल निकलना, पेशाब में खून आना, शारीरिक संबंध बनाने के बाद योनि से खून निकलना, मूत्राशय की आंत्र के काम में परिवर्तन, हड्डी में गंभीर दर्द और हाइड्रोनफ्रोसिस/किडनी फेलियर के कारण पीठ या बाजू में दर्द, किसी एक पैर में सूजन, कब्ज और मतली/उल्टी, मूत्राशय पर नियंत्रण न होना आदि।

किन लोगों में फैल सकता है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) | What Is HPV & How Do You Get It?

डॉ सुवर्षा खन्ना के मुताबिक एचपीवी केवल उन्ही लोगों को हो सकता है जो कई लोगों से शारीरिक संबंध बनाते हैं। हालांकि इनमें से कोई भी चीज सच नहीं है। गंभीर परिस्थितियों में पैलिएटिव केयर सबसे प्रभावी इलाज़ है। वहीं जब कैंसर की बात आती है, तो पैलिएटिव केयर रेडियोथेरेपी ट्यूमर के आकार, योनि स्राव, योनि से रक्तस्राव, फिस्टुला के आकार, डाइट संबंधी समस्याओं, बेडसोर और सिकुड़न को कम करता है। इसके अलावा इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। दांपत्य जीवन मे मिठास आती है। पैलिएटिव केयर से इच्छाशक्ति मज़बूत होती है और डॉक्टरी मदद से वे अपनी सामान्य लाइफस्टाइल फिर से जी सकते हैं।

सर्वाइकल कैंसर के कारण | Causes of Cervical Cancer

मंडावरे अस्पताल के एमडी (गाइनेक) डॉ. रवींद्र पिरोजिया के मुताबिक प्रजनन प्रणाली (Reproductive system) का सबसे प्रचलित वायरल इन्फेक्शन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) है। WHO के अनुमान के अनुसार, HPV सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं (90% से अधिक) का मुख्य कारण है। सर्वाइकल कैंसर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक आम है। इसके अलावा, सर्वाइकल कैंसर विभिन्न प्रकार के जोखिम कारकों के कारण भी होता है, जिनमें HIV संक्रमण, धूम्रपान, बीमारी का पारिवारिक इतिहास और जननांगों की खराब सफाई शामिल है। अगर जल्दी पता चल जाए और तुरंत इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है।

इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर शरीर में एचपीवी (HPV Human Papillomavirus) के फैलने के कारण होता है। इसके अलावा जेनेटिक्स भी इसका एक बड़ा कारण है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि पारिवारिक इतिहास से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा सिगरेट में मौजूद निकोटिन भी इसका कारण बन सकता है। साथ ही व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी या कुपोषण भी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है

इन बातों का ख्याल रखें

  • अगर आप सर्वाइकल कैंसर से बचना चाहते हैं तो नियमित पैप टेस्ट बहुत जरूरी है।
  • तंबाकू या इसके उत्पाद, सिगरेट का सेवन भी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे में अगर आप इस जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं तो आपको आज ही धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
  • सर्वाइकल कैंसर कई प्रकार के एचपीवी के कारण होता है। ऐसे में एचपीवी से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी हो जाता है।
  • सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाना बेहद जरूरी है, इससे सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है।

डॉ. रवींद्र पिरोजिया ने बताया कि इस वर्ष के सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह की थीम “कुछ पीढ़ियों के भीतर सर्वाइकल कैंसर को समाप्त करना” है, जिसे सक्षम स्क्रीनिंग तकनीकों या ईएमआर (HealthPlix) जैसे डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफार्मों के उपयोग से पूरा किया जा सकता है।