ट्यूमर एक असामान्य कोशिकाओं का समूह होता है जो बॉडी के किसी भी अंग या टिशू में पैदा हो सकता है। ये कोशिकाएं तेजी से फैलती है जिससे ट्यूमर पैदा होता है। ट्यूमर दो तरह का होता है एक Benign ट्यूमर तो दूसरा Malignant ट्यूमर होता है। Benign ट्यूमर बॉडी में किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करता जबकि Malignant ट्यूमर कैंसर होता है और बॉडी के किसी भी हिस्से में फैल सकता है। ट्यूमर का आकार, उसका प्रकार और उसकी स्थिति बॉडी पर कई तरह से प्रभाव डाल सकती है।
ट्यूमर शरीर के अलग-अलग हिस्सों जैसे पेट में ट्यूमर, किडनी में ट्यूमर, लिवर में ट्यूमर और ब्रेन में ट्यूमर हो सकता है। बात करें ब्रेन ट्यूमर की तो ये एक ऐसी परेशानी है जो ब्रेन के आस-पास सेल्स इकट्ठा होने से होती है। ये ट्यूमर ब्रेन में शुरु होता है जिसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। जब ट्यूमर बॉडी के दूसरे हिस्सों से ब्रेन में फैले तो इसे सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं।
हमारे दिमाग में दो तरह के ब्रेन ट्यूमर बढ़ सकते हैं। एक जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं और बहुत ज्यादा नहीं फैलते, इस तरह के ट्यूमर में कैंसर के सेल्स नहीं होते। वहीं दूसरी तरह का ट्यूमर कैंसर वाला होता है जो बहुत तेजी से फैलता है और आस-पास के हेल्दी सेल्स पर कब्जा करता है और अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस कैंसर का इलाज मुश्किल होता है इसलिए समय पर लक्षणों को समझना और उसका इलाज करना जरूरी है। ब्रेन ट्यूमर की बीमारी का पकड़ में आना तभी मुमकिन है जब आप इस बीमारी के लक्षणों को पहचानते हैं।
मणिपाल हॉस्पिटल,गुरुग्राम में एचओडी न्यूरो सर्जरी में डॉक्टर पुनीत कांत अरोड़ा ने बताया ब्रेन सेल्स के डीएनए में परिवर्तन होता है तो वो अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं और ट्यूमर का रूप ले लेते हैं। ब्रेन ट्यूमर का सटीक कारण क्या है इसकी सटीक जानकारी नहीं है। इस बीमारी के कुछ लक्षण बॉडी में दिखते हैं अगर समय पर पहचान लिया जाए तो बीमारी से बचा जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण कौन-कौन से हैं और किन लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।
किन लोगों को ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा है?
- ब्रेन ट्यूमर का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जिसकी फैमिली हिस्ट्री रह चुकी है। कुछ बीमारियां पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं उन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर।
- रेडिएशन के संपर्क में रहने वालों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।
- उम्र बढ़ने के साथ भी इस बीमारी का खतरा बढ़ने लगता है। 40-50 साल की उम्र के लोगों को ब्रेन ट्यूमर का खतरा हो सकता है। हालांकि ब्रेन ट्यूमर बच्चों में भी पाया जाता है।
- कुछ कैमिकल्स जैसे पेंट, फ्यूल और कुछ लिक्विड पदार्थ भी ब्रेन ट्यूमर का रिस्क बढ़ाते हैं।
ब्रेन ट्यूमर होने पर बॉडी में कौन-कौन से दिखते हैं लक्षण
- लगातार सिर दर्द होना, खासतौर पर सुबह के समय होना
- उल्टी आना
- ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के साइज और उसकी जगह पर भी निर्भर करते हैं।
- ब्रेन ट्यूमर ब्रेन के आगे वाले हिस्से में है तो उसकी वजह से पर्सनालिटी में बदलाव और याददाश्त में कमी हो सकती है।
- ब्रेन ट्यूमर की वजह से हार्मोन में इम्बैलेंस होना
- कम सुनाई देना और कम दिखाई देना भी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं। अगर बॉडी में इस तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
ब्रेन ट्यूमर से बचाव
ब्रेन ट्यूमर से बचने का कोई स्टीक उपाय तो नहीं है लेकिन हम कुछ सावधानियां बरत कर इस बीमारी के रिस्क को कम कर सकते हैं। बिना जरुरत के एक्सरे,सिटी स्कैन नहीं कराएं, जितना हो सके आप रेडिएशन से बचाव करें। केमिकल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें। हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट का सेवन करें। नियमित एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें। ट्यूमर के लक्षणों को पहचान कर अगर जल्दी इलाज कर लिया जाए तो बड़ी परेशानी से बच सकते हैं।