How to control uric acid : यूरिक एसिड का बढ़ना भी एक ऐसी समस्या है जो खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान के कारण बढ़ने लगती है। लौकी बहुत काम की होती है। अधिकांश लोगों ने अब लौकी के गुणों को स्वीकार कर लिया है और इसे अपने आहार का हिस्सा बना लिया है। जो बच्चे उम्र तक लौकी को देखकर मुंह बना लेते हैं, वे भी बड़े होकर लौकी के फायदों को समझते हैं और इससे परहेज करना बंद कर देते हैं।
लौकी का जूस, सब्जी हो या सूप, सभी के लिए फायदेमंद होता है। लौकी कई तरह के रोगों को नियंत्रित करने में कारगर है। क्योंकि बदलते लाइफस्टाइल के साथ तरह-तरह की बीमारियां उन्हें परेशान करने लगी हैं। इससे बचने के लिए लौकी जैसी सब्जियां ही काम आती हैं।
यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाले नुकसान
यूरिक एसिड के बढ़ने के साथ ही जोड़ों में सूजन बढ़ने लगती है; जिसके कारण मरीज को दर्द भी ज्यादा होता है जिससे उठना बैठना भी मुश्किल हो जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर कुछ लोगों को यूरिन पास करने में भी दिक्कत होती है। इस समस्या में लौकी का जूस ही काम आता है, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित कर सकता है। आपको बस यह जानने की जरूरत है कि इसका सही तरीके से सेवन कैसे किया जाए।
इस तरह से करें लौकी के जूस का सेवन
यूरिक एसिड के मरीजों को के लिए लौकी के जूस का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। लौकी का जूस बनाने के लिए जब लौकी खरीदें तो इस बात का ध्यान रखें कि वह मोटे गूदे की हो। जिसका गूदा थोड़ा मीठा यानि स्वाद में अच्छा हो। क्योंकि स्वाद खराब होने पर जूस में नमक या चीनी मिलाने की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन सादा जूस पीना फायदेमंद होता है।
लौकी खरीदते समय थोड़ा सा स्वाद लेने की कोशिश करें। लौकी जो बहुत कड़वी होती है जो फायदेमंद से ज्यादा हानिकारक हो जाती है। लौकी का जूस बनाने के लिए लौकी के गूदे को मिक्सर में डालकर पीस लें। इसे छान कर पी लें। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं। कुछ ही दिनों में राहत मिलने लगती है।
