शिलाजीत एक आयुर्वेदिक औषधि है जो यौन समस्याओं के प्रमुख समाधानों में गिनी जाती है। यह काले रंग का एक गाढ़ा द्रव्य होता है जिसका स्वाद थोड़ा कड़वा या कसैला होता है। यौन संबंधी समस्याओं में उपयोग किया जाने वाला शिलाजीत अन्य कई तरह की बीमारियों को भी जड़ से खत्म करने में मदद करता है। योगगुरु बाबा रामदेव के अनुसार शिलाजीत का प्रयोग जोड़ों के दर्द, डायबिटीज और कमजोरी के इलाज में भी किया जाता है। इसके अलावा महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद शिलाजीत का सेवन करने से कैल्सियम की गोलियां खाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

शरीर की हड्डियों को मजबूत करने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। मधुमेह के रोगियों के लिए एक चम्मच त्रिफला चूर्ण, एक चम्मच शहद के साथ दो रत्ती शिलाजीत का सेवन काफी फायदेमंद होता है। यह मधुमेह को जड़ से उखाड़ने में मदद करता है। बार-बार मूत्र जाने की समस्या भी शिलाजीत के सेवन से दूर हो सकती है। बंग भस्म, छोटी इलायची के दाने तथा वंश लोचन को शिलाजीत के साथ समान मात्रा में मिलाकर शहद के साथ सेवन करने से बार-बार मूत्र जाने की बीमारी से आराम मिलता है। शिलाजीत शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इसका दूध और शहद के साथ सेवन करने से शरीर बीमार नहीं पड़ता।

याद्दाश्त बढ़ाने और ब्लडप्रेशर को नॉर्मल करने में शिलाजीत बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। इसके प्रयोग से रक्त संचार बढ़ता है जिससे चेहरे पर चमक बढ़ती है और शरीर में ताकत आती है। बुढ़ापे में झुर्रीदार त्वचा से बचने के लिए शिलाजीत, अश्वगंधा तथा सफेद मुसली के मिश्रण से तैयार विशेष प्रकार की दवा बहुत कारगर है। इसके प्रयोग से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं और शरीर पुनः युवा हो जाता है।