यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है जिसे किडनी बेहद असानी से फिल्टर करके बॉडी से बाहर निकाल देती है। यूरिक एसिड सभी की बॉडी में बनता है लेकिन कुछ लोगों की बॉडी में इसका स्तर ज्यादा हो जाता है और वो यूरिक एसिड के क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है। मायोक्लीनिक की खबर के मुताबिक दुनिया में हर पांच में से एक इंसान का यूरिक एसिड का स्तर हाई रहता है। लोगों को इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी कम होती है, इसलिए लोग उसे जोड़ों का दर्द मानकर तरह-तरह के पेन किलर का सेवन करते हैं। आप जानते हैं कि अर्थराइटिस पेन और यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से होने वाले दर्द में काफी अंतर है। जब यूरिक एसिड हाई होता तो उसके क्रिस्टल हाथ-पैरों की उंगलियों में दर्द करते हैं, सूजन पैदा करते हैं और स्किन का रंग सुर्ख होने लगता है।

यूरिक एसिड हाई होने से पैरों की उंगलियों में बेहद चुभन वाला दर्द होता है। यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए लोग अक्सर डाइट का ध्यान रखते हैं,दवाईयों पर उनकी निर्भरता ज्यादा रहती है। अगर आप यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो दवाई की जगह कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन करें। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां यूरिक एसिड को कंट्रोल करती हैं और जोड़ों के दर्द से निजात दिलाती हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे बेहद असरदार साबित होते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक कुछ खास जड़ी बूटियां जैसे गोखरू सोंठ, मैथी और अश्वगंधा का सेवन अगर एक साथ किया जाए तो आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये जड़ी बूटियां कैसे यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करती हैं।

गोखरू,सोंठ,मेथी और अश्वगंधा का सेवन कैसे यूरिक एसिड को करता है कंट्रोल

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक गोखरू में पोटैशियम, विटामिन सी, कैल्शियम, फ्लेवोनोइड, प्रोटीन और नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसका सेवन करने से किडनी हेल्दी तरीके से काम करती है और यूरीन को असानी से डिस्चार्ज करती है। पेशाब के साथ ये टॉक्सिन बॉडी से बाहर निकलने लगते हैं।

सोंठ का सेवन करने से ना सिर्फ हाथ-पैरों के जोड़ों के दर्द से निजात मिलती है बल्कि यूरिक एसिड भी कंट्रोल रहता है। इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग बनाने में सोंठ का सेवन बेहद उपयोगी है। ये मसाला पेट की गैस और अपच की परेशानी को दूर करेगा और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करेगा।

मेथी भी एक ऐसा मसाला है जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में असरदार साबित होता है। मेथी का साथ अश्वगंधा का सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा कंट्रोल रहती है। अश्वगंधा एक ऐसा हर्ब्स है जिसका सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल रहता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन करके यूरिक एसिड के स्तर को असानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

इन 4 हर्ब्स का सेवन यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए कैसे करें

मेथी,सोंठ,गोखरू और अश्वगंधा इन चारों हर्ब्स को बराबर मात्रा में मिला लें और उन्हें बारीक पीसकर उनका पाउडर बना लें। इस पाउडर का इस्तेमाल आप सुबह और शाम को पानी के साथ सेवन करें आपको बड़े हुए यूरिक एसिड से मुक्ति मिलेगी। अगर यूरिक एसिड के स्तर को लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया गया तो गठिया के रोग की शिकायत हो सकती है।