Ayurvedic Herb for Fatty Liver : आजकल फैटी लिवर की बीमारी बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी के बढ़ने की वजह हमारा खानपान और लाइफस्टाइल है। यह बीमारी शरीर में अल्कोहल की मात्रा बढ़ने से होती है। लेकिन आजकल लोगों के खानपान में इतना बदलाव आया है कि अब लोगों ने जंक फूड को अपनी डेली डाइट में शामिल कर लिया है। इस वजह से लिवर में सूजन आती है और लम्बे समय तक यह परेशानी रहने पर फैटी लिवर नामक बीमारी का रूप ले लेती है।
जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं वह यह जानते हैं कि उनके लिवर पर वसा की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि लिवर उसे सह नहीं पाता है। इस वजह से उन्हें बहुत दर्द भी सहना पड़ता है। ऐसे में लोग फैटी लिवर के लिए कई दवाईयां लेते हैं लेकिन वो दवाईयां भी दर्द में आराम तो देती हैं। साथ ही साइड इफेक्ट से भी भरी होती है। ऐसे में जरूरी है आयुर्वेद का रुख करना। माना जाता है कि अश्वगंधा फैटी लिवर को ठीक करने में सक्षम है। अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
फैटी लिवर के लिए ऐसे करें अश्वगंधा का इस्तेमाल
एक गिलास पानी में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को डालकर 12 घंटे के लिए रख दें। 12 घंटे बाद अश्वगंधा वाले पानी को अच्छे से उबालें। जब आधा पानी बचे तब उसे एक कप में छानकर डालें। इसे गुनगुना ही पीएं। इसका खाली पेट सेवन करने से फैटी लिवर से निजात मिलती है। इस काढ़े का सेवन दो हफ्ते तक करने से फैटी लिवर की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर आप काढ़े के रूप में अश्वगंधा का सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो बाजार में अश्वगंधा की गोलियां भी उपलब्ध हैं। आप रोज सुबह खाली पेट अश्वगंधा की दो गोलियां खाएं। इससे फायदा थोड़ी धीमी गति से होता है। लेकिन इसका सेवन करना आसान है।
अश्वगंधा क्यों है फायदेमंद
माना जाता है कि अश्वगंधा का सेवन करने से लिवर हानिकारक टॉक्सिन्स से बचता है। साथ ही अश्वगंधा में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होते हैं इसका रोजाना सेवन लिवर की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सेवन करने से लिवर डैमेज होने का खतरा भी टल जाता है।