Acidity Ayurvedic Remedies: खानपान में लापरवाही से कई छोटी-बड़ी दिक्कतें हो जाती हैं, एसिडिटी भी इन्हीं में से एक है। ज्यादा मसालेदार भोजन करने से या समय पर खाना नहीं खाने के कारण लोगों को एसिडिटी की परेशानी हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि पेट में पाए जाने वाले एसिडिक पदार्थ जब कभी फूड पाइप में आ जाते हैं तो एसिडिटी की परेशानी हो जाती है। इससे लोग असुविधा तो महसूस करते ही हैं, साथ ही कई बार पेट में दर्द भी होने लगता है। एसिडिटी की परेशानी से निजात पाने में आयुर्वेदिक उपाय भी लाभकारी हैं। आइए जानते हैं –

इन आयुर्वेदिक उपायों की लें मदद: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दिन में दो बार 15 से 20 मिलीलीटर आंवला का जूस पीयें। दिन में दो बार भोजन से पहले आधा चम्मच आंवला पाउडर का सेवन करें। दूध में एक चम्मच शतावरी मिलाकर दिन में 2 बार पीयें। यस्तीमधु को खाली पेट कम से कम आधा चम्मच खाएं। साथ ही, सुबह और शाम में 20 मिलीलीटर एलोवेरा जूस पीयें। हरीतकी का सेवन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है। इसलिए जिन लोगों को भी एसिडिटी की प्रॉब्लम रहती हो उन्हें रोजाना सुबह खाली पेट हरीतकी का सेवन करना चाहिए।

कुछ घरेलू उपाय: दिन भर में जब समय मिले धनिया पानी पीयें। खाने के बाद आधा चम्मच सौंफ खाएं। सुबह सबसे पहले नारियल पानी पीयें। दोपहर में लोग सौंफ का शरबत पी सकते हैं, इसके अलावा सौंफ के साथ मिसरी या काला नमक खाना भी लाभकारी होगा। रात भर किशमिश को भिगो लें और सुबह उसके पानी को खाली पेट पीयें। सोने से पहले गुनगुने दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पीयें। अनार, केला, सेब, प्लम, खुबानी, नारियल और किशमिश जैसे फल भी लाभकारी साबित होते हैं। जो लोग भी पाचन संबंधी या अपच जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, उन्हें रोज भोजन के बाद गुड़ खाने की आदत बना लेनी चाहिए।

करें प्राणायाम: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ प्राणायाम एसिडिटी की परेशानी को दूर करता है। इस स्वास्थ्य परेशानी से जूझ रहे लोग शीतली, शितकारी, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी जैसे प्राणायाम को अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान: पर्याप्त आराम करें। भरपूर मात्रा में पानी पीयें और पूरी नींद लें। योग, प्राणायाम, ध्यान और व्यायाम का अभ्यास करें।