Diabetes, Cause, Treatment, Symptoms, Remedy: एथलीट्स फुट जिसे हम भाषा में पैरों के दाद कहते हैं, एक फंगस के द्वारा होने वाला इंफेक्शन है। डायबिटीज रोगियों को अक्सर होने वाली  यह बीमारी ज्यादातर गर्मी के मौसम में होती है जिससे लगातार पैरों में खुजली होती है। किड्सहेल्थ के अनुसार, इसे ये नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि अक्सर एथलीट्स इस इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी उम्र में ये इंफेक्शन जरूर होता है। ऐसा इसलिए भी कहा गया है क्योंकि ज्यादातर लोग दिन के आधे समय जूते पहनकर ही रहते हैं, और जूतों में एथलीट फुट होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

डायबिटिक पेशेंट्स रखें खास ख्याल: डायबिटीज रोगियों की इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें अपनी सेहत को लेकर खास ख्याल रखना चाहिए। इन मरीजों में मौजूद ग्लूकोज की अधिक मात्रा, फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ाती है जो कि जल्दी आभास नहीं होने की वजह से नजरअंदाज हो जाते हैं। इसलिए डायबिटिक पेशेंट्स को नियमित रूप से अपने पैरों को जांचना चाहिए। सूजन, नीलेपन और चोट की स्थिति में डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, लोगों को सिरके और पानी के मिश्रण से समय-समय पर पैरों को धोते रहना चाहिए क्योंकि सिरके में एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं।

क्या हैं इसके लक्षण:
 दाद होने पर पैरों की त्वचा, खासकर के उंगलियों के बीच में होने वाली खुजली आम है। इससे त्वचा ड्राई हो जाती है, साथ ही स्किन की परतें निकलने लगती हैं। इसके अलावा, दाद वाली जगह लाल और धारीदार हो जाती है। कई लोगों को दाद होने पर पैरों में सूजन, स्किन रैशेज और पैर फटने जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

जूते पहनने से बढ़ता है खतरा: ज्यादातर दाद अंगूठों के बीच में ही होते हैं, ऐसे में लगातार जूते पहनना खतरनाक हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिकोफायटन नामक ये फंगस कुछ मात्रा में हमेशा ही शरीर में रहता है लेकिन डैम्प और गर्म परिस्थितियों में ये जल्दी बढ़ जाते हैं। टाईट जूते पहनने से पैरों की उंगलियां एक साथ चिपक जाती हैं जिससे दाद होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके मुताबिक जूते नहीं पहनने वाले और खाली पैर चलने वाले लोगों में 0.75 प्रतिशत ही दाद के मामले दिखते हैं।

कम्यूनिकेबल होता है एथलीट्स फुट: पैरों का दाद एक फंगल इंफेक्शन है जो दूसरे लोगों को भी अपने चपेट में लेता है। एक संक्रमित व्यक्ति के डाइरेक्ट संपर्क में आने से अन्य लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं। हालांकि, ओवर द काउंटर (OTC) दवाइयों का इस्तेमाल करके ये इंफेक्शन रोके जा सकते हैं। कई बार ये दाद हाथों तक भी फैल जाते हैं जिन्हें टिनिया मैनम कहा जाता है।