बढ़ते वजन के कारण के कारण बहुत सी बीमारियां घर कर जाती हैं, ऐसे में वजन को नियंत्रित रखकर आर्थराइटिस के जोखिम को कम किया जा सकता है। गठिया के दर्द को कम करने के लिए गर्म और ठंडी सेकाई करना सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।

हीट थेरेपी रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है, जोड़ों की कठोरता और मांसपेशियों में दर्द को शांत करने में मदद कर सकती है। वहीं कोल्ड थेरेपी सूजन और दर्द को कम करती है। आज हम जानेंगे कि गठिया के मरीजों को अपने डाइट में कौन से फूड्स को शामिल करना चाहिए।

अर्थराइटिस के मरीजों को कौन सा फल खाना चाहिए?

संतरा और सभी खट्टे फलों में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी अर्थराइटिस के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। विटामिन सी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट जोड़ों की सूजन घटाने में मदद करता है। इसलिए अर्थराइटिस के मरीजों को संतरा, नींबू, मौसमी जैसे खट्टे फल खूब खाने चाहिए।

यूरिक एसिड बढ़ने पर इनसे बना लें दूरी: यूरिक एसिड के मरीजों को समुद्री खाद्य पदार्थ से दूरी बना लेनी चाहिए, जैसे कि केकडा, झींगा जैसे समुद्री चीजों को भी नहीं खाना चाहिेए। इसके साथ ही चीनी – शहद और हाई फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप वाले खाद्य पदार्थों को न खाएं। साथ ही किसी भी प्रकार के खमीर के सेवन से बचना चाहिए।

इन खाद्य पदार्थों को करें शामिल: यूरिक एसिड बढ़ने पर उसे नियंत्रण में रखने के लिए पालक, दूध, अंडा और टमाटर जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए। आप दही और छाछ को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा अगर मांस-मछली खाते हैं तो हफ्ते में दो या तीन बार से ज्यादा नहीं खाएं और कम मात्रा में ही खाना चाहिए।

डेयरी उत्पाद से बना लें दूरी: डेयरी उत्पाद आपकी दिक्कत को कई गुना बढ़ा सकते हैं। यूरिक एसिड बढ़ने पर दूध, दूध से बनी चीजें, डेयरी प्रोडक्ट, दही, पनीर, पालक, राजमा, हरी मटर, नट्स, स्प्राउट्स, सोया, अंडा, बीज, चिकन और दालों जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

बता दें कि यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे मरीज को एंटीऑक्सीडेंट्स और सभी जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। केले और सेब को नियमित तौर पर खाने से यूरिक एसिड को काबू करने में मदद मिल सकती है।