कपकंपा देने वाली इस ठंड के मौसम में जोड़ों में दर्द, गठिया जैसे मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही आजकल बेतरतीब जीवनशैली के कारण युवाओं में भी जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है। बहुत से लोगों को यह जीवनशैली में बदलाव और बदलते मौसम के कारण परेशानी होती है, लेकिन इसमें बढ़े हुए यूरिक एसिड की अहम भूमिका होती।
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से जोड़ों और घुटनों में दर्द, सूजन और बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर घुटनों में दर्द और सूजन की समस्या से निजात पा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप पहले से ही यूरिक एसिड की समस्या का सामना कर रहे हैं तो सर्दियों में खानपान को लेकर बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए और कई चीजों से परहेज करना चाहिए। डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जो यूरिक एसिड के स्तर को सामान्य रखने में मददगार हैं।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण: जोड़ों में दर्द, पैर और एड़ियों में तेज दर्द, उंगलियों के जोड़ों में सूजन, तलवों का लाल होना, ज्यादा प्यास लगना, बुखार के अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इसमें इंसान जल्दी थक जाता है।
विटामिन सी: यूरिक एसिड (Uric Acid) की मात्रा को कम करने के लिए अपने डाइट में खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर, आदि को शामिल करना चाहिए। यह सभी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।
लो प्यूरीन फूड्स: यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए लो प्यूरीन फूड्स का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में पनीर, बटर और नट्स, साबुत अनाज, चावल, आलू, फल और सब्जियां को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
हरी सब्जियां एवं फल खाएं: फलों में अमरूद, सेब, केला, बेर, बिल्व व सब्जियों में कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। यह सभी विटामिन्स के अच्छे स्रोत हैं।
सेब का सिरका: सेब का सिरका स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह बढ़े हुए यरिक एसिड को कंट्रोल करने के साथ ही खून के पीएच लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है।