यूरिक एसिड रक्त में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है। यह तब बनता है जब शरीर प्यूरीन नामक रसायन को तोड़ता है। अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाते हैं,किडनी उन्हें फिल्टर करके यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है। प्यूरीन से भरपूर भोजन और पेय पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं। डाइट में कुछ खास तरह के फूड्स जैसे मीठा पेय और मिठाईयां, फ्रुक्टोज का अधिक सेवन,अल्कोहल,मांस का अधिक सेवन,हेरिंग, स्कैलप्स, मसल्स, कॉडफ़िश, टूना सहित कुछ समुद्री भोजन,रेड मीट का अधिक सेवन यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ाता है।
जब शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड रहता है, तो हाइपरयुरिसीमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हाइपरयुरिसीमिया यूरिक एसिड (या यूरेट) के क्रिस्टल बनने का कारण बन सकता है। ये क्रिस्टल जोड़ों में जम सकते हैं और गठिया का कारण बन सकते हैं। गठिया बहुत दर्दनाक हो सकता है। इसकी वजह से किडनी में पथरी हो सकती है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कालौंजी का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। कालौंजी औषधीय गुणों से भरपूर एक ऐसा मसाला है जिसका सेवन करके आसानी से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कलौंजी का सेवन कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है।
कलौंजी कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करती है:
जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो कालौंजी को अपनी डाइट में शामिल करें। कलौंजी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो सूजन और गाउट के हमले को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं। इस बीज को लेने से गाउट के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक अध्ययन में रुमेटीइड गठिया के 42 रोगियों को दो महीने तक रोजाना कलौंजी लेने को कहा गया। अध्ययन में शामिल जिन रोगियों ने कालौंजी का सेवन किया उन रोगियों को सूजन और दर्द से राहत मिली।
एक और रिसर्च से पता चला है कि कलौंजी सूजन को कंट्रोल करती है, गाउट अटैक की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती है। कलौंजी में एन-ब्यूटिलफ्थालाइड और बीटा-सेलिनिन नाम के दो कंपाउंड होते हैं जो कि बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ये नाइट्रिक ऑक्साइड के क्रिस्टल्स को हड्डियों में जमा होने से रोकते हैं और यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं।
यदि आप गाउट से पीड़ित हैं और यूरिक एसिड बढ़ने के कारण जोड़ों में क्रिस्टल जमा हो रहे हैं तो आप कलौंजी का सेवन करें। कई अध्ययनों से पता चला है कि कलौंजी किडनी को नुकसान पहुंचाने से बचाती है। किडनी स्टोन से बचाव करने के लिए आप कलौंजी के पाउडर को शहद और गर्म पानी के साथ मिलाकर उसका सेवन करें।
कलौंजी का सेवन कैसे करें:
इन चमत्कारी बीज का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। आप इसका सेवन खाने में शामिल करके कर सकते हैं।आप इसे अपने सलाद, सॉस, करी, अचार और सब्जियों में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी सुगंध और स्वाद दोनों बेहतर होता है। कलौंजी को सप्लीमेंट या पाउडर के रूप में भी लिया जा सकता है।