मासिक धर्म के दौरान होने वाला पेट, कमर या जांघों में दर्द एक ऐसी परेशानी है जिसे महिलाएं लगभग हर महीने फेस करती हैं। इसे मेडिकल भाषा में डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea) कहा जाता है।  पीरियड पेन महिलाओं में हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है, जिसमें गर्भाशय सिकुड़ता है और दर्द महसूस होता है। पीरियड्स के दौरान शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन नाम का हार्मोन बनता है।

इसकी मात्रा ज़्यादा होने पर गर्भाशय ज़्यादा सिकुड़ता है, जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द, कमर और जांघों में खिंचाव, कभी-कभी मतली और सिरदर्द होना शामिल है। कुछ मामलों में पीरियड पेन के पीछे ये कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे हार्मोनल असंतुलन, तनाव और नींद की कमी, पीसीओडी, एंडोमेट्रियोसिस, आयरन या मैग्नीशियम की कमी हो सकती है।

वर्धन आयुर्वेदिक और हर्बल मेडिसिन के संस्थापक डॉक्टर सुभाष गोयल ने बताया अगर महिलाएं अगर पीरियड पेन से हर महीने परेशान रहती हैं तो गुड़ के साथ तिल का सेवन करें। पीरियड पेन सिर्फ हार्मोनल बदलावों की वजह से नहीं होता, बल्कि गलत खान-पान भी दर्द को बढ़ा सकता है। सही डाइट गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करती है, सूजन कम करती है और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है। पीरियड्स में ब्लड लॉस की वजह से आयरन की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और दर्द बढ़ता है। ऐसे में डाइट में गुड़ और तिल का सेवन करें। आइए डॉक्टर से जानते हैं कि पीरियड के दौरान होने वाले दर्द के लिए गुड़ और तिल कैसे सेहत को फायदा पहुंचाते हैं।

पीरियड के दौरान गुड़ और तिल का करें सेवन

आयुर्वेद के मुताबिक गुड़ शरीर में गर्माहट पैदा करता है और खून को शुद्ध करता है। जबकि तिल बॉडी को ऊर्जा,आयरन और कैल्शियम देता है जो पीरियड के दौरान होने वाली कमजोरी और दर्द को दूर करता है। रोजाना एक छोटा चम्मच तिल और उसी के बराबर गुड़ को रोज खाया जाए तो पीरियड के दौरान होने वाले दर्द, कमजोरी,थकान और खून की कमी का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, पीरियड्स के दौरान शरीर में वात और कफ का असंतुलन हो जाता है, जिससे दर्द और ऐंठन बढ़ती है। ऐसे में गुड़ और तिल इन दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं।

आयुर्वेद में गुड़ के फायदे

गुड़ को आयुर्वेद में गर्म तासीर वाला माना जाता है। ये शरीर में गर्माहट पैदा करता है,  रक्त संचार बेहतर होता है।  खून को शुद्ध करने में गुड़ मदद करता है। पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो को सुचारू बनाता है। गुड़ में मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे कमजोरी और चक्कर जैसी समस्याएं कम होती हैं।

तिल क्यों है पीरियड पेन में कारगर?

तिल पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें आयरन, कैल्शियम,मैग्नीशियम, हेल्दी फैट्स मौजूद होते हैं जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता हैं। तिल गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करता हैं और शरीर को एनर्जी देता हैं। पीरियड के दौरान होने वाली थकान और कमजोरी को दूर करने में तिल का सेवन असरदार साबित होता हैं।

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