Tips to Improve Digestion: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम स्वाद के पीछे भागते हुए अपने पेट की सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। मन में जो आया वो खा लिया,  न वक़्त देखा, न मात्रा। इसका नतीजा ये होता है कि पेट की सेहत बिगड़ने लगती है और धीरे-धीरे पूरा पाचन तंत्र गड़बड़ाने लगता है। जब पेट पूरी तरह साफ नहीं होता, तो उसका सीधा असर हमारे मूड, भूख, नींद और स्किन पर दिखने लगता है। पाचन तंत्र बिगड़ने पर सबसे आम समस्या होती है खाने का ठीक से नहीं पचना, जिससे पेट में गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या होने लगती है। पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो रोज़ एक तय समय पर भोजन करें। खाने में ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन करने से परहेज करें, खाना धीरे-धीरे चबाकर खाएं, डाइट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करें। खाने से आधा घंटा पहले और खाने के आधे घंटे बाद पानी पिएं।

अगर आप चाहते हैं कि भोजन के बाद आपका खाना जल्दी पच जाए और साथ ही ओरल सेहत भी ठीक रहे, तो पारंपरिक भारतीय उपायों में शामिल पान के पत्ते का सेवन फायदेमंद हो सकता है। पान का पत्ता, जिसे भारतीय संस्कृति में लंबे समय से खाने के बाद लिया जाता रहा है, पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे अक्सर सुपारी, कत्था, चूना और गुलकंद के साथ खाया जाता है। इन सभी सामग्रियों के मिश्रण से न सिर्फ भोजन पचाने में सहायता मिलती है, बल्कि यह मुंह की दुर्गंध, सूजन और बैक्टीरिया को भी कम करने में मदद करता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झाजर ने बताया जिन लोगों का पाचन खराब रहता है, खाने के बाद पेट में गैस बनती है और पेट फूल जाता है वो खाने के बाद तुरंत पान को चबा लें। ये पत्ता पाचन को दुरुस्त करता है और पाचन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर करता है। आइए जानते हैं कि पान का सेवन करने से पाचन कैसे दुरुस्त रहता है और ये बॉडी को कैसे फायदा पहुंचाता है।

पान का पत्ता पाचन को कैसे करता है दुरुस्त

पान के पत्ते में मौजूद तत्व लार के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे भोजन चबाने के साथ ही पाचन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे पेट में पाचन एंजाइम तेजी से सक्रिय होते हैं। खाने के बाद पान खाने से पेट की गैस और ब्लोटिंग का इलाज होता है। इसे खाने से पेट हल्का महसूस होता है और एसिडिटी कंट्रोल रहती है। एंटी-एसिडिक गुणों से भरपूर ये पान का पत्ता एसिडिटी और जलन को कम करता है। इसका सेवन करने से आंतों की सूजन कंट्रोल होती है। ये पत्ता आंतों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है जिससे भोजन जल्दी पचता है और कब्ज दूर होता है। इसका सेवन करने से पेट में जमा सारे टॉक्सिन बाहर निकलते है और भूख भी कंट्रोल रहती है। पान का सेवन लार और पाचन रसों के स्राव को बढ़ाकर भूख को भी बढ़ा सकता है। जिन लोगों को भूख कम लगती है उनके लिए ये पत्ता बेहद असरदार साबित होता है।

पान के पत्ते के सेहत के लिए फायदे

पान के पत्ते का सेवन करने से नसों की स्टिफनेस कंट्रोल होती है। इस पत्ते में न्यूरोलॉजिकल परेशानियों को दूर करने की ताकत होती है। इसका सेवन करने से सोचने, समझने की क्षमता बेहतर होती है। ये पत्ता नसों की स्टिफने को कंट्रोल करता है और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को दुरुस्त करता है। इस पत्ते का सेवन करने से बैक्टीरिया का सफाया होता है। इसका सेवन करने से सूजन कंट्रोल रहती है। अस्थमा के मरीजों के लिए ये पत्ता फायदेमंद है। स्किन से जुड़ी परेशानियों रो दूर करने में ये पत्ता बेहद उपयोगी है। इसको क्रैश करके इसको हीलिंग के लिए यूज किया जाता है। इसमें एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज भी है। इसमें मूड को बेहतर बनाने की भी क्षमता मौजूद है। ये डिप्रेशन का इलाज करता है और दिमाग को एलर्ट करता है। 

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