आजकल हमारे घरों में अधिकतर बर्तन एल्युमीनियम से बने हुए होते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड के लगभग 60 फीसदी बर्तन एल्युमीनियम से बनाए जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एक तो यह दूसरी धातुओं के मुकाबले सस्ते और टिकाऊ होते हैं, साथ ही ऊष्मा के अच्छे सुचालक होते हैं।
क्या होता है दुष्प्रभाव–
एल्युमीनियम के बर्तन भले ही सस्ते पड़ते हों, लेकिन हमारी हेल्थ पर इनका बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है। इन बर्तनों में पके हुए खाने के सेवन से एक औसतन मनुष्य की बॉडी में प्रतिदिन 4 से 5 मिलीग्राम एल्युमीनियम चला जाता है। मानव शरीर इतने एल्युमीनियम को शरीर से बाहर करने में समर्थ नहीं होता है। गौर से देखने पर आप पाएंगे कि एल्युमीनियम के बर्तनों में बने भोजन का रंग कुछ बदल जाता है।
क्यों होती है बीमारी-
स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव इसलिए पड़ता है क्योंकि एल्युमीनियम खाने के साथ रिएक्शन करता है, विशेष रूप से एसिडिक पदार्थों से जैसे टमाटर आदि। रिएक्शन कर यह एल्युमीनियम हमारे शरीर में पहुँच जाता है। सालों तक यदि हम एल्युमीनियम में पका खाना खाते रहते हैं तो यह एल्युमीनियम हमारी मांसपेशियों, किडनी, लीवर और हड्डियों में जमा हो जाता है जिसके कारण कई गंभीर बीमारियां घर कर जाती हैं। इसलिए हमेशा लोहे अथवा मिट्टी के पात्रों में ही भोजन पकाया जाना चाहिए। यह आपके भोजन के स्वाद और आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छा है।
इससे होने वाली बीमारियां-
कमज़ोर याददाश्त और डिप्रेशन
मुंह के छाले
दमा
अपेंडिक्स
किडनी का फेल होना
अल्ज़ाइमर
आँखों की समस्याएं
डायरिया या अतिसार