Acidity Remedies: आज के खराब लाइफस्टाइल में लोगों को एसिडिटी की समस्या आए दिन होते रहती है। ओवर ईटिंग, तो कई बार काफी देर तक भूखे रहने के वजह से भी एसिडिटी हो जाती है। आमतौर पर खट्टी डकार आना, पेट फूलना, सीने और पेट में जलन एसिडिटी के लक्षण माने गए हैं। नॉर्मल खाना खाने वाले लोगों को भी कभी-कभी एसिडिटी हो सकती है, लेकिन समय पर खाना नहीं खाने वालों के साथ ही ज्यादा स्पाइसी, अधिक तला-भुना पसंद करने वालों और ज्यादा शराब पीने वालों में यह बीमारी खतरनाक हो सकती है।
पेट में मौजूद एसिडिक पदार्थ जब फूड पाइप में आ जाते हैं तो लोगों को एसिडिटी की परेशानी हो जाती है। ज्यादा समय तक एसिडिटी की परेशानी रहने पर शरीर के अंदरूनी अंगों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अल्कलाइन वॉटर के यूज से इस समस्या से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं क्या है अल्कलाइन वॉटर और कैसे करते हैं इसका इस्तेमाल-
क्या होता है अल्कलाइन वॉटर: अल्कलाइन वॉटर को आम भाषा में क्षारीय पानी कहा जाता है। इसमें पीएच का स्तर ज्यादा होता है। पीएच स्तर जानने से ये पता चलता है कि कोई चीज एसिडिक नेचर का है या फिर अल्कलाइन। अगर इसका लेवल 1 है, तो इसका मतलब है कि पानी बहुत एसिडिक है और यदि यह 13 है, तो यह बहुत अल्कलाइन है। अल्कलाइन वॉटर का पीएच नॉर्मल पानी के मुकाबले अधिक होता है। जहां पीने वाले पानी का पीएच 7 के आसपास होता है, वहीं अल्कलाइन वॉटर का पीएच 8 या 9 होता है।
एसिडिटी में है फायदेमंद: ‘ओनली माय हेल्थ’ में छपी एक खबर के अनुसार एक शोध में ये पता चला है कि 8.8 पीएच वाला पानी पीने से शरीर में एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ, ये सीने में जलन से भी राहत देता है। अल्कलाइन वॉटर में कैल्शियम, पोटाशियम, मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा, इसे पीने से पाचन शक्ति भी मजबूत होती है और शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। वहीं, अल्कलाइन वॉटर वेट लॉस में भी मददगार होता है और ये एंटी-एजिंग गुणों से भी भरपूर होता है।
कैसे बनाएं अल्कलाइन वॉटर: अल्कलाइन वॉटर को अगर आप घर पर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए नींबू की जरूरत होगी। 1 गिलास रेगुलर पानी में कुछ नींबू मिलाएं और पीएं, नींबू में मौजूद मिनरल्स शरीर में जाकर और भी ज्यादा अल्कलाइन हो जाते हैं। पानी में अल्कलाइन के स्तर को बढ़ाने के लिए आप इसमें बेकिंग सोडा या पीएच ड्रॉप्स भी डाल सकते हैं। शुरुआत में लोगों को बस 1 गिलास ही पीना चाहिए और धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ानी चाहिए क्योंकि अल्कलाइन वॉटर का ज्यादा सेवन करने से लोगों को वॉमिटिंग या फिर चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
