जब पेट का तेज़ाब (acid) भोजन नली में ऊपर की ओर चला जाता है तो उसे ही Acid Reflux कहते हैं। इस तरह की परेशानी को अक्सर लोग तेजाबियत के नाम से भी जानते हैं। पेट में एसिड बनने के लिए लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन, तला-भुना  खाना, जंक फूड, फ्राइड फूड और ज्यादा खट्टा खाने से पेट में एसिड बनने की समस्या हो सकती है। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है या बहुत ज्यादा सेंसिटिव होता है उन्हें ये समस्या ज्यादा होती है। कुछ लोग कैफीन का सेवन ज्यादा करते हैं उन्हें भी ये परेशानी हो सकती है। ज्यादा खाना खाने से और खाने के बाद तुरंत बिस्तर पर जाने से भी ये समस्या हो सकती है। डाइट के साथ ही बहुत ज्यादा तनाव लेने से भी पाचन प्रभावित होता है।

एसिडिटी एक ऐसी परेशानी हैं जिसके कारण छाती या गले में जलन हो सकती है। कुछ भी खाते ही खट्टी डकार आ सकती है। गले में खट्टा या कड़वा स्वाद और सूजन आ सकती है। बार-बार खांसी, गले में बलगम, सांस लेने में तकलीफ, पेट फूलना और पेट में भारीपन महसूस होना सब एसिड रिफ्लक्स के लक्षण हो सकते हैं।

अगर आप भी पेट से जुड़ी इस समस्या से परेशान हैं तो आप अपने लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करें। डाइट में कुछ खास ड्रिंक का सेवन करके आप आसानी से एसिड रिफ्लक्स को कंट्रोल कर सकते हैं। हार्वर्ड-ट्रेंड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने चार ऐसे ड्रिंक के बारे में बताया है जिनका सेवन करके एसिड रिफ्लक्स की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे चार ड्रिंक है जिनका सेवन करने से एसिडिटी का बिना दवा ही इलाज होता है।

पानी का करें सेवन

अगर आप पेट के एसिड से परेशान हैं तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद फायदेमंद है। पानी पीने से न सिर्फ आपको ठंडक महसूस होगी बल्कि पेट की जलन भी शांत होगी। पानी पेट के एसिड को संतुलित करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है। ध्यान रहे कि बहुत ठंडा पानी का सेवन नहीं करें नॉर्मल पानी पिएं। दिनभर में छोटे-छोटे घूंट लेकर पानी पीना ज्यादा असरदार होता है। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और एसिडिटी के लक्षण कम हो जाते हैं।

सौंफ के पानी (Fennel seeds water) का करें सेवन

अगर आप पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप सौंफ के पानी का सेवन करें। सौंफ में anethol जैसे यौगिक पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र की मांसपेशियों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। सौंफ में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जो अपच, गैस और ब्लोटिंग को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से सौंफ का पानी पीने से खट्टे डकार, एसिडिटी और पेट की जलन से राहत मिलती है। रात भर एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ भिगो दें और सुबह खाली पेट पिएं आपको फायदा होगा। ये पानी मेटाबॉलिज्म बूस्ट करेगा और बॉडी को डिटॉक्स भी करेगा।

तुलसी के पानी का करें सेवन (Basil water)

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पानी का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर तुलसी का सेवन करने से पेट की अग्नि शांत होती है और पाचन दुरुस्त रहता है। तुलसी में मौजूद तत्व आंतों और पेट की सूजन को कम करते हैं। इसका सेवन करने से पेट की जलन और गैस्ट्रिक इरिटेशन में राहत मिलती है। तुलसी का पानी हल्का alkaline होता है, जो पेट के एसिड को संतुलित करता है। इससे एसिडिटी और खट्टे डकार की समस्या में राहत मिलती है।

नारियल पानी (Coconut water) भी करता है दवा का काम

नारियल पानी alkaline गुण वाला ड्रिंक होता है, जो पेट के एसिड को संतुलित करता है। इससे एसिडिटी, खट्टे डकार और जलन में राहत मिलती है। इसमें मौजूद फाइबर और एंजाइम पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं और कब्ज का इलाज करते हैं। नारियल पानी पोटैशियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो डिहाइड्रेशन रोकता हैं और पेट को ठंडक पहुंचाता हैं। इसका सेवन करने से पेट की सूजन कंट्रोल रहती है।

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