लिवर हमारी बॉडी का अहम हिस्सा है, जो हमारी बॉडी का सबसे व्यस्त अंग माना जाता है और 500 से भी ज्यादा काम करता है। इसका काम शरीर से टॉक्सिन्स को डिटॉक्सिफाई करना, पित्त का निर्माण करके पाचन में मदद करना, न्यूट्रिएंट्स को स्टोर करना और मेटाबोलिज़्म को दुरुस्त रखना है। AIIM, ICMR और MAYO CLINIC के मुताबिक बॉडी के इस जरूरी अंग में थोड़ी सी भी परेशानी होने पर प्रोटीन और विटामिन डी का सही से उपयोग नहीं हो पाता, जिसका सीधा असर हमारी हड्डियों और मांसपेशियों पर पड़ता है। इस एक वजह के वजह से एक उम्र के बाद लोगों को अचानक से अपने पैरों में ताकत कम होती महसूस होती है।
लिवर में कुछ भी परेशानी होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे पैरों में ताकत कम होना, जल्दी थकान होना, बार-बार पैरों में ऐंठन आना,भारीपन होना साफ संकेत हैं कि आपके लिवर पर बोझ बढ़ चुका है। WHO और National Institute of Nutrition के मुताबिक कुछ खास तरह के फूड्स का सेवन करने से लिवर की कोशिकाएं मजबूत होती है, लिवर साफ होता है और खून का प्रवाह बढ़कर पैरों में ताकत आती हैं। कुछ ऐसे फूड्स है जिनका रोज सेवन किया जाए तो लिवर मजबूत होगा, पैरों की मांसपेशियों को ताकत मिलेगी और बॉडी में नई एनर्जी भी आएगी। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड्स हैं जिनका सेवन करने से लिवर की सेहत में सुधार हो सकता है।
चुकंदर से करें लिवर का इलाज
चुकंदर को दुनिया भर में नेचुरल ब्लड क्लीनर के नाम से जाना जाता है। भारत में भी आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्सा तक हर जगह इसे खून और लिवर की सेहत के लिए वरदान माना गया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एनआईएच की एक स्टडी बताती है कि चुकंदर में मौजूद बेटा इन पिगमेंट लीवर की कोशिकाओं को सक्रिय करता है और उसमें जमा हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालता है। रेगुलर चुकंदर का सेवन करने से खून पतला, साफ और ऑक्सीजन से भरपूर रहता है। जब खून साफ होता है तो सबसे ज्यादा फायदा पैरों की मांसपेशियों को मिलता है। अगर पैरों की ताकत बनानी है और लीवर को हेल्दी रखना है तो चुकंदर को रोजमर्रा की डाइट में शामिल करें।
हल्दी से करें लिवर का इलाज
हल्दी को भारत में सदियों से औषधि माना गया है। यह सिर्फ मसाला नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक दवा है जिसे आयुर्वेद में सर्व रोग निवारणी कहा गया है। आधुनिक विज्ञान भी इसकी शक्ति को मानता है। आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व लीवर की सूजन को घटाता है। जब लीवर सूज जाता है तो उसकी क्षमता कम हो जाती है और वह प्रोटीन को सही तरीके से तोड़ और उपयोग नहीं कर पाता। इसका सीधा असर मांसपेशियों पर पड़ता है, जो धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं और पैरों में कमजोरी महसूस होती है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी कहती है कि करक्यूमिन न सिर्फ लीवर को सूजन से बचाता है बल्कि उसे डिटॉक्स भी करता है। यानी शरीर में बनने वाले हानिकारक तत्व, जो मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, समय रहते बाहर निकल जाते हैं। जब लीवर साफ और हल्का रहता है तो खून का प्रवाह बेहतर होता है और पैरों की कोशिकाओं तक पर्याप्त पोषण पहुंचता है।
लहसुन का करें सेवन
लहसुन को अक्सर लोग सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला मानते हैं, लेकिन यह शरीर के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। आयुर्वेद में इसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक कहा गया है और आधुनिक शोध भी इसकी ताकत को स्वीकार करते हैं। AIIMS के शोध बताते हैं कि लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक सक्रिय यौगिक लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। यह यौगिक लीवर को ऐसे एंजाइम बनाने में मदद करता है जो खून में मौजूद हानिकारक जहर और टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं। जब खून साफ होता है तो उसका सीधा असर पैरों की मांसपेशियों तक पहुंचता है। साफ और ऑक्सीजन से भरपूर खून मांसपेशियों को मजबूती देता है। बुजुर्गों में अक्सर खून की गुणवत्ता गिर जाती है, जिससे पैरों में भारीपन, सूजन या ऐंठन महसूस होती है। लहसुन इन समस्याओं को जड़ से सुधारने की क्षमता रखता है। मेयो क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार लहसुन कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है। यह रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाता है, जिससे पैरों में खून का प्रवाह बेहतर होता है। जब ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होता है तो मांसपेशियों को सही पोषण मिलता है और वे धीरे-धीरे मजबूत होने लगती हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियों का करें सेवन
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों, बथुआ और चौलाई शरीर के लिए संजीवनी का काम करती हैं। इनमें मौजूद क्लोरोफिल खून को साफ करता है और लीवर से टॉक्सिन्स बाहर निकालकर उसका बोझ कम करता है। ICMR के मुताबिक ये फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन K का अच्छा स्रोत हैं, जो खून बनाने, हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से बुजुर्गों में पैरों की कमजोरी और ऐंठन कम होती है। हफ्ते में 4-5 दिन इनका सूप, साग या सब्जी के रूप में सेवन करें तो पैरों और लीवर दोनों को फायदा होगा।
अखरोट का करें सेवन
अखरोट दिमाग ही नहीं बल्कि लीवर और पैरों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और ग्लूटाथायोन लीवर की कोशिकाओं की मरम्मत कर उन्हें मजबूत बनाते हैं, जिससे प्रोटीन का उपयोग सही तरीके से होकर मांसपेशियों तक ऊर्जा पहुंचती है। इससे पैरों की कमजोरी और थकान कम होती है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार अखरोट खराब कोलेस्ट्रॉल घटाकर रक्त प्रवाह बेहतर करता है, जिससे पैरों की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचती है और ताकत व सहनशक्ति बढ़ती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को रोज 2-3 अखरोट जरूर खाने चाहिए ताकि लीवर स्वस्थ और पैर मजबूत रहें।
डेंगू को मामूली न समझें, Dengue Fiver मचा सकता है तांडव, जानिए बीमारी के लक्षणों की कैसे करें पहचान और बचाव का तरीका, पूरी जानकारी के लिए लिंंक पर क्लिक करें