दिमाग हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, इसमें थोड़ी सी भी समस्या महसूस होती है तो यह हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करता है। जब तक दिमाग सही से काम करता है तब तक तो सब ठीक रहता है, लेकिन जब दिमाग सही से काम नहीं करता तो न ही कोई काम सही से होता है और न ही शरीर सही से काम करता है। दिमाग मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है, जो स्पाइनल कॉर्ड और तंत्रिकाओं से मिलकर काम करता है। दिमाग सोचने, समझने, याद रखने, निर्णय लेने और भावनाओं को कंट्रोल करने के साथ-साथ सांसों और पाचन को कंट्रोल करता है। ऐसे में अगर ब्रेन फंक्शन में गड़बड़ हो जाए तो शरीर में कई बीमारियां लगने का खतरा बढ़ जाता है।
गुरुग्राम स्थित पारस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशनल डिपार्टमेंट के ग्रुप डायरेक्टर और एचओडी डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि दिमाग की सेहत के लिए खानपान बेहद अहम होता है। कुछ चीजें ऐसी हैं जो लगातार खाने से ब्रेन फंक्शन को धीमा कर देती हैं, याददाश्त कमजोर करती हैं और तनाव, एंग्जायटी या डिप्रेशन तक की वजह बन सकती हैं।
रिफाइंड शुगर
टीओआई की खबर के मुताबिक, कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, मीठा सोडा यानी ऐसा पेय पदार्थ जिसमें एडेटिव शुगर इस्तेमाल किया जाता है। वह दिमाग के लिए टॉक्सिक के समान है। इससे तेजी से ब्लड शुगर लेवल बढ़ाती है, जिससे दिमाग की नसों पर असर होता है। लंबे समय तक ज्यादा शुगर लेने से याददाश्त कमजोर हो सकती है। डिप्रेशन और मूड स्विंग की संभावना बढ़ती है।
मैदा से बनी चीजें
लंबे समय तक मैदा से बनी चीजों का सेवन दिमाग के साथ-साथ सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। मैदा पूरी तरह से रिफाइंड होता है, जिससे इसमें फाइबर और न्यूट्रिएंट्स नहीं रहते। यह ग्लूकोज स्पाइक करता है जो ब्रेन पर दबाव डालता है। अधिक पिज्जा, बर्गर, समोसा, पेस्ट्री और नूडल्स आदि का सेवन करने से ब्रेन फॉग, थकान और फोकस में कमी आ सकती है।
डीप फ्राइड फूड
डीप फ्राइड फूड का सेवन भी दिमाग के लिए हानिकारक होता है। इनमें ट्रांस फैट्स और ऑक्सीकृत तेल पाए जाते हैं जो ब्रेन सेल्स को डैमेज करते हैं। यह इंफ्लेमेशन बढ़ाता है और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की संभावना को जन्म देता है।
ब्रेन को कैसे रखें हेल्दी
- ओमेगा-3 से भरपूर फूड
- हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज
वहीं, विटामिन K की कमी के कारण भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है। ब्रेन हेमरेज यानी दिमाग में खून की नस फटने की एक गंभीर स्थिति होती है, जो तुरंत इलाज न मिलने पर जानलेवा भी हो सकती है।