सर्दियों (Winter Season) में हीटर (Room Heater) का इस्तेमाल करना बहुत आम है। हालांकि ठंड से बचाने वाला यह उपकरण अब जानलेवा भी साबित हो रहा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल में एक दम्पती की दम घुटने के कारण मौत हो गई थी। पति-पत्नी रूम हीटर चलाकर सो रहे थे। आइए जानते हैं, क्या है रूम हीटर के खतरे, कैसे रूम हीटर चलाकर सोने से जा सकती है जान?:
कैसे काम करता है रूम हीटर?
बाजार में कई तरह के रूम हीटर मौजूद हैं, जैसे- इन्फ्रारेड हीटर, फैन हीटर और ऑयल हीटर। सब अलग-अलग तरह से काम करते हैं। Oil heater को थोड़ा बेहतर माना जाता है। हालांकि मकसद सबका एक ही होता है। वह है- कमरे में मौजूद हवा को गर्म करना। कमरे के हवा को गर्म करने के दौरान हीटर हवा को ड्राई भी कर देता है। यही से रूम हीटर के नुकसानदेह होने की शुरुआत होती है। लगातार रूम हीटर के चलने से कमरे में ऑक्सीजन कम होने लगता है और नमी भी खोने लगती है। यह ड्राई आई और नोज ब्लॉकेज जैसी समस्याओं को जन्म देता है।
कैसे ऑक्सीजन का स्तर कम कर देता है रूम हीटर?
जब बंद कमरे में इलेक्ट्रिक रूम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है, तो उससे कार्बन मोनोक्साइड गैस निकलता है। कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) एक जहरीली गैस है। यह गैसोलीन, केरोसिन, तेल, प्रोपेन, कोयला, या लकड़ी के जलने से उत्पन्न होती है। कार्बन मोनोक्साइड के लगातार रिसाव से कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। अगर कमरे में वेंटिलेशन न हो तो ऑक्सीजन का स्तर तेजी से नीचे गिरता है।
ऐसे में रूम हीटर चलाकर सो रहे इंसान के मस्तिष्क, हृदय, आदि को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इससे सीने में दर्द उठ सकता है और गंभीर स्थिति में मौत भी हो सकती है।
किन बातों का रखें ध्यान?
ऑक्सीजन के कम होने और कार्बन मोनोक्साइड के बढ़ने से कमरे में मौजूद व्यक्ति को सिरदर्द हो सकता, चक्कर आ सकता, पेट में दर्द उठ सकता है, उल्टी शुरू हो सकती है। लगातार हीटर के इस्तेमाल से ड्राई स्किन, एलर्जी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या होने लगती है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रख, इन परेशानियों से बचा जा सकता है।
रूम हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड गैस से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह होता है कि हीटर को तब चलाएं, जब कोई कमरे में ना हो। जब कमरा पर्याप्त गर्म हो जाए, तब हीटर को बंद कर कमरे का दरवाजा खोल दें। फैन हीटर, इन्फ्रारेड हीटर और अंगीठी के बजाय ऑयल हीटर का इस्तेमाल अधिक सुरक्षित रहता है।