गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बीच अचानक ही राहुल गांधी दाढ़ी पर चर्चा शुरु हो गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने कांग्रेस नेता के लुक की तुलना इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन (Saddam Hussein) से की है।
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का प्रचार और कैंपेन अपने चरम पर है। भाजपा के स्टार प्रचारकों में से एक हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma on Rahul Gandhi) भी गुजरात में पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं।
- इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की दाढ़ी को लेकर तब भी चर्चा होती थी, जब वह जिंदा थे। अगस्त 2003 में जब वह अपनी ग्रे दाढ़ी के साथ पहली बार नजर आए थे, तब अमेरिका में कोलाहल मच गया था। वह अपनी लुक में बदलाव करते रहते थे।
- सद्दाम हुसैन का सबसे चर्चित लुक वही है, जिसमें उनके चेहरे पर घनी मूछे और दाढ़ी के बाल सफाचट होते थे। सद्दाम जिन तस्वीरों में बेतरतीब बढ़ी लंबी दाढ़ी के साथ दिखते हैं, वह उनके कैद के दौरान खींची गई तस्वीरे हैं।
- भारत में अब तक 14 पुरुष प्रधानमंत्री रहे। नरेंद्र मोदी वह चौथे प्रधानमंत्री हैं, जो दाढ़ी रखते हैं। उनसे पहले मनमोहन सिंह, आई. के. गुजराल और चंद्रशेखर दाढ़ी वाले प्रधानमंत्री हुए।
- भारत में अब के 13 पुरुष राष्ट्रपती रहे हैं। उनमें से केवल डॉ जाकिर हुसैन और ज्ञानी जैल सिंह ही दाढ़ी रखते थे। जाकिर हुसैन मुस्लिम और जैल सिंह सिख समुदाय से ताल्लुक रखते थे।
- पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के दाढ़ी से जुड़ा एक किस्सा बहुत मशहूर है। कॉलेज के दिनों में उन्हें अपने एक दोस्त की मदद के लिए जयपुर जाना पड़ा था। प्रवास लंबा होने और पसंद के नाई के न मिलने से उनकी दाढ़ी बढ़ गई थी।
जब वह विश्वविद्यालय लौटे तो उनके आरएसएस के दोस्तों ने मजाक में पूछा, ”अशोक मेहता (सोशलिस्ट लीडर) बन रहे हो क्या? इस पर चंद्रशेखर ने तपाक से कहा, ”गोलवलकर बनने का विचार है, धीरे-धीरे वही बन जाऊंगा।” - साल 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद बनी पहली कैबिनेट में दाढ़ी वाले 18 नेता थे। तब मोदी-शाह के अलावा कैबिनेट में दाढ़ी रखने वाले वरिष्ठ नेताओं में प्रकाश जावड़ेकर, राम विलास पासवान, एस.जयशंकर, गिरिराज सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी का नाम शामिल था।
- साल 1860 में अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। तब वह दाढ़ी नहीं रखते थे। दुबली-पतली काया के लिंकन के गाल काफी धंसे हुए थे। चुनाव के बाद लिंकन को एक लड़की ने पत्र लिखकर सुझाव दिया कि उन्हें दाढ़ी रखनी चाहिए। इसके बाद लिंकन ने दाढ़ी रखी और वह उनकी पहचान का हिस्सा बन गया।
- ईरान में साल 1979 में शाह के पतन के बाद से दाढ़ी राष्ट्रीय राजनीति की पहचान रही है। अंतरराष्ट्रीय मामलों रूचि न रखने वाला कोई व्यक्ति भी अयातुल्लाह ख़ुमैनी को उनकी दाढ़ी से पहचान लेता है।
- अफगानिस्तान में तालिबानी नेता एक नियम का पालन करते हैं, जिसके मुताबिक हर आदमी की दाढ़ी इतनी लंबी तो होनी ही चाहिए कि वह मुट्ठी में न समा सके।
- कहा जाता है कि जेल में निराश जुल्फिकार अली भुट्टो ने भी अपने जीवन के अंतिम दिनों में दाढ़ी बढ़ा ली थी। हालांकि साल 1976 में प्रधानमंत्री रहते हुए भुट्टो विपक्षी नेताओं को दाढ़ी वाला कहकर चिढ़ाते थे। जिसका अर्थ था कि वे सभी मुल्ला हैं जो उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
